Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़OP Rajbhar s troubles increased during the Lok Sabha elections when the police did not listen to him the court gave this order

लोकसभा चुनाव के बीच ओपी राजभर की बढ़ीं मुश्किलें, पुलिस ने नहीं सुना तो कोर्ट ने दिया यह आदेश

लोकसभा चुनाव के बीच ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ओवरब्रिज पर हुई कहासुनी के मामले में पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की तो कोर्ट ने पीड़ित की याचिका पर थाने से आख्या तलब कर ली है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, मऊThu, 23 May 2024 02:43 PM
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सुभासपा प्रमुख और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर की लोकसभा चुनाव के बीच मुश्किलें बढ़ गई हैं। मऊ के प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नासेहा वसीम ने ओपी राजभर पर प्रकीर्ण वाद यानी परिवाद दर्ज कर थाने से आख्या तलब करने का आदेश जारी किया है। मामला मंत्री के काफिले के दौरान कहासुनी होने का है। पीड़ित ने सरायलखंसी थाने की पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने न्यायायल की शरण ली है। 

मामले के अनुसार 30 अप्रैल को लगभग 6:30 बजे के करीब पदमेश तिवारी अपने साथी राजीव कुमार सिंह के साथ अपने चार पहिया वाहन से अदारी जा रहे थे। इसी दौरान सिकटिया ओवरब्रिज पर जाम लगा था, उसी समय पंचायत राज मंत्री अपने काफिले के साथ हूटर बजाते हुए निकल रहे थे। रास्ते में लगे जाम में फंस गए और उनके साथ बैठे एक व्यक्ति ने पदमेश तिवारी से गाड़ी आगे बढ़ाने को कहा। उनके द्वारा कहा गया कि आगे जाने के लिए जगह नहीं है। इसी बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई। 

पदमेश तिवारी के अधिवक्ता ने बताया कि इस घटना के बाबत थाना सरायलखंसी में तहरीर दी गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ। कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित ने न्यायालय में 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज करते हुए थाने से आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

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