ओपी राजभर का इंतजार होगा खत्म? सुभासपा प्रमुख ने मंत्रिमंडल विस्तार पर योगी से की चर्चा
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने शुक्रवार को लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात की। इस दौरान बेटे और पार्टी महासचिव अरविंद राजभर भी उनके साथ थे। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई है।
महीनों से मंत्री बनने का इंतजार कर रहे सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने शुक्रवार को सीएम योगी से मुलाकात की। इस दौरान ओपी राजभर के बेटे और पार्टी के महासचिव अरविंद राजभर भी उनके साथ रहे। राजभर ने सीएम योगी से मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कई मुद्दों पर चर्चा की है। मुलाकात के बाद राजभर का चेहरा खिला-खिला दिखाई दिया। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और उनके मंत्री बनने की तारीख नजदीक आ गई है। सीएम योगी की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई है। ओपी राजभर योगी की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। सीधे सीएम योगी से टकराव के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
ओपी राजभर ने लखनऊ में सीएम आवास पर ही जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा के साथ ही राजभर ने भर-राजभर जाति को एसटी कैटगीर में शामिल करने पर चर्चा की है। प्रदेश में कराए गए जाति सर्वे का प्रस्ताव केंद्र को भेजने की मांग भी की है। 17 जिलों में सर्वे के बाद शोध संस्थान को रिपोर्ट भेजी गई थी। ओपी राजभर ने सैफई में बंजारा समाज के संबंध में भी सीएम योगी से चर्चा की है।
योगी से मुलाकात के बाद राजभर ने एक्स पर इसे लेकर पोस्ट भी किया। लिखा कि आज 5 कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास पर उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी से शिष्टाचार मुलाक़ात कर भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किये जाने के लिए प्रस्ताव यथा शीघ्र भारत सरकार को भेजने के लिए मुलाक़ात की। बंजारा जाति के लगभग 2500 आबादी वाले गांव रणवीर नगर सैफ़ई तहसील सैफ़ई जनपद इटावा के उपेक्षित बंजारा समाज की समस्या के संबंध में भी चर्चा हुई।
2017 में भाजपा फिर सपा के साथ थे राजभर
ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा कुछ महीने पहले ही एनडीए में लौटी है। राजभर ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। योगी के मुख्यमंत्री बनने पर राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। फिर योगी से टकराव के कारण मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। राजभर ने इसके बाद सपा का दामन थाम लिया और योगी के साथ ही मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषाओं का इस्तेमाल भी किया।
2022 में दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए भी उसी तरह की भाषा का इस्तेमाल करने लगे। इसके बाद सपा से गठबंधन टूटा तो दोबारा भाजपा के साथ आ गए। इस दौरान खुद ही दोबारा मंत्री बनने की बातें लगातार कह रहे हैं। कई बार तो मंत्री बनने की तारीख भी खुद ही दे चुके हैं। हालांकि अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार की कोई तारीख या कोई बयान भाजपा की तरफ से नहीं आया है।