PGI में बीजेपी के पूर्व सांसद के बेटे की मौत पर डॉक्टर कार्यमुक्त, निदेशक को चेतावनी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का एक्शन
लखनऊ पीजीआई में पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे को इलान न मिलने से हुई मौत के मामले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है।
लखनऊ पीजीआई में पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे को इलान न मिलने से हुई मौत के मामले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। शासन ने प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए चिकित्सक को संस्थान से कार्य मुक्त किया जा रहा है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पीजीआई, लखनऊ में पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा जी के सुपुत्र के दु:खद निधन के संबंध में सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से कार्य मुक्त किया जा रहा है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस संबंध में निदेशक, पीजीआई को चेतावनी भी दी गई है।
दरअसल, भाजपा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा जवान बेटे को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन कोई टस से मस नहीं हुआ। डॉक्टर इमरजेंसी में बेड न होने का हवाला देते रहे। इससे शनिवार रात करीब एक घंटा तक जीवन-मौत के संघर्ष के बीच सांसें थम गईं।
चित्रकूट निवासी भैरों प्रसाद मिश्रा बांदा लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में भाजपा के सांसद चुने गए थे। पूर्व सांसद ने बताया कि बेटे प्रकाश मिश्रा (40) को गुर्दे की बीमारी थी। तबीयत बिगड़ने पर शनिवार रात करीब 11 बजे बेटे को लेकर पीजीआई पहुंचे। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) से भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टर ने हाथ तक नहीं लगाया। करीब एक घंटा जवान बेटा जिंदगी और मौत से संघर्ष करता रहा लेकिन डॉक्टर नहीं पसीजे। आखिरकार दम तोड़ दिया। बेटे की मौत से नाराज पूर्व सांसद के समर्थक इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए।
पीआरओ सेल से पूर्व सांसद के धरने पर बैठने की जानकारी होने पर रात में ही पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन और सीएमएस डॉ. संजय धीराज इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद ने इमरजेंसी के डॉक्टर पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया। निदेशक के समझाने और मामले की जांच के आश्वासन पर बेटे का शव लेकर घर चले गए। पूर्व सांसद के प्रतिनिधि ओम नारायण मिश्रा ने बताया कि इमरजेंसी के डॉक्टरों ने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया। बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती से मना कर दिया।
जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित
पीजीआई निदेशक ने पूर्व सांसद के बेटे की मौत के बाद जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। सीएमएस डॉ. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके पॉलीवाल और इमरजेंसी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. आरके सिंह घटना की जांच करेंगे। निदेशक ने बताया कि कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई तय होगी। इमरजेंसी में तैनात ईएमओ तथा एपीआरओ से रविवार को निदेशक ने पूछताछ की है।