बीजेपी पर हार का ठीकरा फोड़ने वाले बयान पर पलटे ओम प्रकाश, जानिए राजभर क्या बोले?
बीजेपी पर हार का ठीकरा फोड़ने वाले बयान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर पलट गए हैं। उन्होंने वायरल वीडियो को फेक बताया है। उन्होंने बयान पर सफाई दी है।
बीजेपी पर हार का ठीकरा फोड़ने वाले बयान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अब यू टर्न लिया है। ओम प्रकाश राजभर अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी। वायरल वीडियो को फेक वीडियो करार दिया। उन्होंने कहा कि विरोधी पेरशान है। फेक न्यूज को फैलाना विरोधियों की साजिश है।
दरअसल, घोसी लोकसभा सीट पर ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर की हार हुई है। इससे राजभर में नाराजगी है। उन्होंने अपने बेटे की हार का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा है। ओम प्रकाश राजभर का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में राजभर एक बैठक के दौरान अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। राजभर ने अपने कार्यकर्ताओं से कहते हुए दिख रहे हैं कि आप लोग भी बोलना सीखिए। हमारी पार्टी ने ईमानदारी से चुनाव लड़ा और हमने गठबंधन धर्म निभाया। लेकिन गठबंधन की तमाम पार्टियों के नेता गठबंधन धर्म निभाना नहीं जानते। यूपी की जनता ने योगी और मोदी को नकार दिया है। इसके बाद वायरल वीडियो पर राजभर की सफाई आई है।
उन्होंने इसे साजिश बताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे नेता हैं और हम सभी उनके नेतृत्व में प्रदेश के विकास हेतु समर्पित है, उनके दिशा-निर्देश पर कार्य कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
राजभर के बेटे अरुण ने भी दी सफाई
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने जारी बयान में कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंत्री ओम प्रकाश राजभर का वायरल वीडियो फर्जी है। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के “डीप फेक” से उनकी आवाज में वीडियो बनाई गई है। जिसमें उनके मुंह से 2024 चुनाव में हार का ठीकरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फोड़ते हुए दिखाया जा रहा है। अरुण राजभर ने इस वायरल वीडियो के माध्यम से चलाए जा रहे बयान को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि ओम प्रकाश राजभर ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह पुरानी वीडियो है, जिसे एडिट किया गया है। यह विपक्षी दलों की साजिश है। विरोधियों द्वारा किए गए वादों पर जनता अब उनसे सवाल कर रही है। जनता पूछ रही है कि 8500 रुपये कब आएंगे।