Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़now monitoring of studies in up schools will be like examination officers will keep an eye from the control room

यूपी के स्‍कूलों में अब परीक्षा जैसी होगी पढ़ाई-लिखाई की मॉनिटरिंग, कंट्रोल रूम से नज़र रखेंगे अफसर 

प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर के 150 राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई की उसी प्रकार निगरानी की जाएगी, जिस प्रकार UP बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग होती है।

Ajay Singh मुख्य संवाददाता, प्रयागराजSun, 28 July 2024 12:26 PM
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यूपी के प्रयागराज स्थित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक कार्यालय में शनिवार को कंट्रोल रूम का उद्घाटन हुआ। इसके जरिए पहले चरण में प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर के 150 राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई की उसी प्रकार निगरानी की जाएगी, जिस प्रकार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग होती है।

उद्घाटन करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। कहा कि वर्तमान में विद्या समीक्षा केंद्र के जरिए 300-400 राजकीय विद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। भविष्य में ऐसे ही कंट्रोल रूम पूरे प्रदेश में स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि एक स्थान से पूरे प्रदेश के स्कूलों की गुणवत्तापूर्ण निगरानी नहीं हो सकती। मंडल और जिले स्तर पर इस प्रकार के प्रयासों से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

पहले राजकीय और उसके बाद सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। मंडल में प्रयागराज में 35, प्रतापगढ़ 43, कौशांबी 25 और फतेहपुर में 47 राजकीय विद्यालय है। इस अवसर पर मंडलीय उप शिक्षा निदेशक आरएन विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह, सह जिला विद्यालय निरीक्षक एलबी मौर्य, जीआईसी के प्रधानाचार्य धर्मेन्द्र कुमार सिंह, जीजीआईसी कटरा की प्रिंसिपल शशि बाला चौधरी, प्रभाकर त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

जीआईसी से निकलेंगे टॉपर, लौटेगा पुराना गौरव

संयुक्त शिक्षा निदेशक दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य है कि राजकीय विद्यालयों से भी अधिक से अधिक संख्या में टॉपर निकलें। पिछले साल कुछ प्रयास किए तो सकारात्मक परिणाम मिले थे। कहा कि प्रत्येक विद्यालय तथा वहां के शिक्षक अपने विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए जितना अधिक प्रयत्नशील होंगे, वहां के छात्र उतनी ही अधिक प्रगति करते हुए विद्यालयों को गौरवांवित करेंगे।

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