उत्तर प्रदेश में अब 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी बेटियां
उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों की बेटियों को आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए अब मन नहीं मारना होगा बल्कि वे 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका...
उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों की बेटियों को आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए अब मन नहीं मारना होगा बल्कि वे 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) को कक्षा 12 तक करने की तैयारी है। उन 134 ब्लॉकों में भी केजीबीवी खोले जाएंगे जहां अभी तक एक भी केजीबीवी नहीं है। इस व्यवस्था से केजीबीवी में पढ़ने वाली लगभग 80 हजार बेटियों को लाभ होगा।
प्रदेश में कुल 746 केजीबीवी हैं। ये स्कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों व नगरीय क्षेत्रों में स्थापित किए हैं। यहां बालिकाओं को कक्षा छह से आठ तक की नि:शुल्क आवासीय शिक्षा दी जाती है। कक्षा आठ के बाद लड़कियों को मन मारकर अपने घर जाना पड़ता था क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें पढ़ाने के लिए बाहर नहीं भेज सकते हैं। 2019-20 में सरकार ने 350 स्कूलों को कक्षा 12 तक किया था। इनमें से 57 के लिए 2020-21 के सत्र में मंजूरी दी गई थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काम शुरू नहीं हो पाया और अब निर्माण लागत बढ़ गई है। लिहाजा इसके लिए भी अतिरिक्त पैसे की मांग केन्द्र से की जाएगी। अब बचे हुए 342 स्कूलों को भी अगले सत्र में उच्चीकृत किया जाएगा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बने 44 हॉस्टलों को केजीबीवी से जोड़ते हुए कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं शुरू करवाई जा रही हैं।
जिन स्कूलों को इस वर्ष उच्चीकृत करने की योजना है वहां पर यदि परिसर में जमीन नहीं है तो उसी ग्राम सभा में तीन एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। नए केजीबीवी के लिए पांच एकड़ जमीन को खोजने के निर्देश दिए गए हैं। 134 नए ब्लॉकों में तो केजीबीवी खोले ही जाएंगे, साथ ही उन ब्लॉकों में जहां ज्यादा संख्या में बालिकाएं प्रवेश के लिए आती हैं वहां भी नए केजीबीवी खोले जा सकते हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में सभी बीएसए से प्रस्ताव मांगे हैं। बचे हुए सभी केजीबीवी को उच्चीकृत करने और नए ब्लॉकों में केजीबीवी स्थापित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक भेजा जाएगा। औरैया व कानपुर नगर में अभी तक एक भी केजीबीवी नहीं है।
दो मॉडलों पर हो रहा है उच्चीकरण
1. जहां तीन किमी के अंदर माध्यमिक शिक्षा के कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल हैं वहां केजीबीवी परिसर में ही हॉस्टल तैयार किया गया है। लड़कियां यहां नि:शुल्क रह कर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
2. जहां आसपास माध्यमिक स्कूल नहीं है वहां केजीबीवी परिसर में ही एकेडमिक ब्लॉक व हॉस्टल तैयार किया गया है। 350 स्कूलों में नए सत्र से प्रवेश लिए जाएंगे।
सभी केजीबीवी को उच्चीकृत करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज रहे हैं। जिन ब्लॉकों में केजीबीवी नहीं है, वहां की बालिकाओं की शिक्षा भी हमारी प्राथमिकता पर है। हमारी सरकार पूरी दृढ़ता से बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। - डॉ. सतीश चन्द द्विवेदी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)