Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़No relief to BJP MP Kamlesh Paswan appeal against sentence dismissed order to surrender

भाजपा सांसद कमलेश पासवान को राहत नहीं, सजा के खिलाफ अपील खारिज, सरेंडर करने का आदेश

बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान सहित छह लोगों की तरफ से डेढ़ साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने निरस्त कर दिया। कोर्ट ने 15 दिन के अंदर सरेंडर का आदेश दिया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 10 April 2023 08:01 PM
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बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान सहित छह लोगों की तरफ से डेढ़ साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने निरस्त कर दिया। कोर्ट ने सभी को 15 दिन के अंदर सजा भुगतने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। 

जाम और धरना-प्रदर्शन के एक मामले में नवम्बर-2022 में सांसद कमलेश पासवान सहित आठ लोगों को कोर्ट ने डेढ़ साल की सजा तथा प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये अर्थ दंड से दंडित किया था। घटना के वक्त कमलेश पासवान व अन्य समाजवादी पार्टी में थे। उन्होंने बीआरडी मेडिकल कालेज के सामने विरोध-प्रदर्शन किया था जिसमें इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

कमलेश पासवान के अलावा सजा पाने वालों में गुलरिहा थाना क्षेत्र के मेडिकल कालेज निवासी रामवृक्ष यादव, राजीसेमरा निवासी महेश पासवान, चंद्रेश पासवान, सराय निवासी रामआसरे, खोराबार थाना क्षेत्र के रायगंज निवासी सुनील पासवान व चिलुआताल थाना क्षेत्र के मानबेला निवासी खुदुस उर्फ घुहुस भी शामिल हैं।

अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रभाष त्रिपाठी की कोर्ट ने जुर्म सिद्ध पाए जाने पर यह सजा सुनाई थी। इसमें से सांसद सहित छह लोगों ने एमपी एमएलए कोर्ट में अपील की थी। विशेष न्यायाधीश ने यह अपील निरस्त कर 15 दिन में सरेंडर करने का आदेश दिया है। 

अखिलेश-शिवपाल की गिरफ्तारी के खिलाफ जाम की थी सड़क

घटना के समय कमलेश पासवान सपा में थे। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव व अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेश भर में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसी दौरान 16 जनवरी 2008 को कमलेश व अन्य ने मेडिकल कालेज के मुख्य गेट के सामने रोड को जाम कर दिया था। अभियुक्तों द्वारा नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का भी प्रयास किया गया था। इसका मुकदमा गुलरिहा थाने में दर्ज हुआ था।

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