Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Night curfew time extended in 6 districts of Uttar Pradesh Noida Meerut Ghaziabad Bulandshahr Hapur bhagpat from 8 PM to 6 AM

कोरोना का कहर : यूपी के 6 जिलों में बढ़ा कर्फ्यू का टाइम, रात आठ से सुबह छह बजे तक वाहनों पर पाबंदी

कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने को लेकर उत्तर प्रदेश के छह जिलों मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़ और बागपत में रात्रिकालीन कर्फ्यू को दो घंटे बढ़ा दिया गया है। अब रात्रि आठ बजे से सुबह...

Shivendra Singh मुख्य संवाददाता, मेरठ।Fri, 26 June 2020 09:48 AM
share Share

कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने को लेकर उत्तर प्रदेश के छह जिलों मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़ और बागपत में रात्रिकालीन कर्फ्यू को दो घंटे बढ़ा दिया गया है। अब रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ प्रतिबंधित रहेगा। वाहनों के आने-जाने पर सख्त पाबंदी रहेगी। चालान और मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

मुख्यमंत्री स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद मेरठ मंडल को लेकर अपर मुख्य सचिव(चिकित्सा) ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइन जारी किया है। इस गाइडलाइन के तहत मेरठ मंडल के सभी छह जिले मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़ और बागपत जिले में रात्रिकालीन कर्फ्यू के समय को बढ़ा दिया गया है। अब तक रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू की व्यवस्था थी, जिसे बढ़ाकर अब रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक के लिए किया गया है। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने सभी डीएम, एसएसपी, एसपी को इस पर सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

— ANI UP (@ANINewsUP) June 26, 2020

कमिश्नर के आदेश

  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर सख्ती से जुर्माना लगाया जाए।
  • मास्क, सीट बेल्ट न लगाने वालों पर सख्ती से जुर्माना लगाया जाए।
  • वयस्त चौराहों पर पुलिस के वाहनों और मजिस्ट्रेट के वाहनों से लोगों को भीड़ न लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सर्तक किया जाए।
  • कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतते हुए आवागमन को प्रतिबंधित किया गाए। केवल आवश्यक सेवा, चिकित्सकीय सेवाओं की ही अनुमति दी जाए।
  • बढ़ते सक्रमण को देखते हुए जिलों में सैंपल टेस्टिंग और बढ़ाई जाए।
  • सर्विलांस तंत्र को और मजबूत किया जाए।
  • कंटेनमेंट जोन में सर्वे अनिवार्य तौर से कराया जाए।
  • एनजीओ के सहोयोग से जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाए।

अगला लेखऐप पर पढ़ें