यूपी में भर्ती परीक्षाओें में पेपर लीक को रोकने के लिए बनाई गई नई नीति, सीएम योगी का बड़ा फैसला
यूपी में भर्ती परीक्षाओें में पेपर लीक को रोकने के लिए नई नीति बनाई। सीएम योगी के निर्देश पर भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए नई नीति जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए फूलप्रूफ इंतजाम करते हुए नई नीति जारी कर दी गई है। एक भर्ती परीक्षा कराने के लिए चार एजेंसियों की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी। परीक्षार्थियों को अपने गृह मंडल के बाहर परीक्षा देने जाना होगा। नि:शक्तों और महिलाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। चार लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा होगी। रिजल्ट बनाने में धांधली रोकने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी। परीक्षा केंद्र बनाने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में राजकीय इंटर कॉलेज से लेकर मेडिकल व इंजीनयिरंग कॉलेजों को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में एडेड स्कूलों को रखा गया है। वित्त विहीन स्कूलों व कॉलेजों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
प्रश्नपत्र पर गोपनीय कोड रहेंगे
अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने गुरुवार की रात शासनादेश जारी करते हुए सभी आयोगों व बोर्डों को भेज इसे दिया है। एक पाली में अधिकतम पांच लाख परीक्षार्थियों को ही रखा जाएगा। पीसीएस परीक्षा को एक ही पाली में कराने की छूट होगी। प्रश्नपत्र के हर पन्ने पर गोपनीय सुरक्षा चिह्न जैसे यूनीक बार कोड, क्यूआर कोड, यूनीक सीरियल नंबर डालने होगा। जिससे जरूरत पर उसकी सीरीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके। प्रश्नपत्र लाने व ले जाने के बक्से की टेंपर प्रूफ मल्टीलेयर पैकेजिंग होगी। प्रश्नपत्र सेटिंग के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक द्वारा प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी का नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
प्रेस में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध
प्रिंटिंग प्रेस चयन में पूरी तरह से गोपनीयता बरती जाएगी। प्रेस में आने-जाने वालों की जांच होगी। सभी के पास आईडी कॉर्ड होना अनिवार्य होगा। बाहरी व्यक्ति को प्रेस में नहीं जाने दिया जाएगा। प्रेस में स्मार्ट फोन व कैमरा ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। प्रेस के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा और उसकी रिकार्डिंग एक साल सुरक्षित रखी जाएगी।
तीन सेटों में ओएमआर शीट
ओएमआर शीट तीन सेटों में होगी। मूल प्रति आयोग व बोर्ड के पास होगी। दूसरी सीलबंद कोषागार व तीसरा अभ्यर्थियों को दी जाएगी। परीक्षा के दौरान आयोग व बोर्ड किसी भी तरह की अफवाह का खंडन करेगा। परीक्षा के दौरान एसटीएफ व पुलिस के संपर्क में रहेंगे। परीक्षा के दौरान कंट्रोल रूम से कड़ी निगरानी की जाएगी।
जांच के बाद परीक्षा की अनुमति
परीक्षाओं के दौरान स्कैन हस्ताक्षर व फोटो का मिलान परीक्षा केंद्र पर किया जाएगा। परीक्षार्थियों को कड़ी जांच के बाद ही परीक्षा केंद्रों पर जाने दिया जाएगा। उनका परीक्षा केंद्र पर ही आधार कार्ड व बायोमेट्रिक से मिलान किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन गृह मंडल से अलग किया जाएगा। दिव्यांगों को गृह जिला और महिलाओं को उसी मंडल में परीक्षा देने की व्यवस्था होगी। परीक्षा केंद्रों का आवंटन रेडंम आधार पर किया जाएगा।
कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी 30 मिनट पहले
कक्ष निरीक्षकों के परीक्षा कक्ष का आवंटन परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से 30 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रेंडम आधार पर किया जाएगा। परीक्षा केंद्र पर 50 फीसदी स्टाफ बाहर का होगा। परीक्षा केंद्रों पर तैनात होने वाले कर्मियों पर किसी भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस लेने जाने पर प्रतिबंध होगा। परीक्षा समाप्त होने पर ही परीक्षार्थियों को बाहर जाने दिया जाएगा। हर पाली के लिए कोषागार से प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिका अलग-अलग ले जायी जाएगी।
एजेंसी चयन में गोपनीयता
एजेंसियों का चयन अति गोपनीय तरीके से किया जाएगा। हर परीक्षा के लिए दो या इससे अधिक सेटों में प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा। प्रत्येक सेट का पेपर अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से तैयार कराते हुए अलग-अलग छपवाया भी जाएगा। परीक्षा से पांच घंटे पहले यह किया जाएगा कि किस सेट का पेपर परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रत्येक सेट में मल्टीपल सीरीज न्यूनतम आठ प्रश्नपत्र तैयार कराए जाएंगे। हर सीरीज के अंतर्गत अलग-अलग प्रश्न क्रमांक पर होगा, जिससे नकल की संभावना से बचा जा सके। हर सीरीज में प्रश्न और उनके विकल्प भी अलग-अलग क्रमांक पर होंगे। प्रश्नपत्र के यूनिक सीरीज की जानकारी न हो सके इसीलिए उस पर ए,बी,सी,डी नहीं लिखा जाएगा।
स्टेशन से 10 किमी के अंदर केंद्र
परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होगा। इसके साथ ही केंद्र को तीन साल परीक्षा कराने का अनुभव होना चाहिए और शहर की आबादी के अंदर होना चाहिए। वहां जाने के लिए सड़क के साथ यातायात साधन की व्यवस्था हो। परीक्षा केंद्र के भवन में बाउंड्रीवाल, पेयजल, शौचालय के साथ ही बिजली व जनरेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। सीसीटीवी भी चालू हालत में होना चाहिए। डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का चयन होगा। श्रेणी-ए में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, राज्य व केंद्र के विश्वविद्यालय, राजकीय पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों को रखा गया है। श्रेणी-बी में इसी श्रेणी के ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न एडेड स्कूलों को कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा। काली सूची व विवादित स्कूल व कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
एजेंसियों को अलग-अलग काम
परीक्षा कराने के लिए अलग-अलग एजेंसियों का चयन किया जाएगा। इसे चार श्रेणियों में बांटा जाएगा।
एजेंसी-ए का काम प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना और सभी जिलों के कोषागार में पहुंचाना होगा।
एजेंसी-बी का काम परीक्षा कराना, इसमें प्रश्नपत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना, परीक्षा केंद्र की सभी व्यवस्था व परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को आयोग व बोर्ड तक पहुंचाना होगा।
एजेंसी सी का काम परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था, इसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम की व्यवस्था करना होगा।
एजेंसी-डी का काम ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध कराना होगा।