शुआट्स मामले में न गिरफ्तारी न कोई कार्रवाई, दाखिल की चार्जशीट, नपे इंस्पेक्टर
शुआट्स के 5.56 करोड़ रुपये गबन के मामले में नैनी पुलिस ने न तो आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी और न ही उनसे कोई रिकवरी की। खनापूरी का आरोपियों को फायदा मिला। अब इंस्पेक्टर पर कार्रवाई हुई है।
शुआट्स के 5.56 करोड़ रुपये गबन के मामले में नैनी पुलिस ने न तो आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी और न ही उनसे कोई रिकवरी की। आरोपियों ने फरारी के दौरान कोर्ट से स्टे ले लिया और विवेचक ने खानापूरी करते हुए कुलपति समेत दस आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस मामले में लापरवाही सामने आई। नैनी इंस्पेक्टर पर गाज गिरी और पुलिस आयुक्त ने लाइन हाजिर कर दिया।
सीओ एसटीएफ नवेंदु सिंह ने शुआट्स के कुलपति समेत 11 आरोपियों के खिलाफ 5.56 करोड़ रुपए गबन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने छापामारी शुरू की लेकिन किसी को गिरफ्तार न कर पाई। इनमें एक आरोपी की बीमारी से मौत हो गई। नैनी पुलिस और एसटीएफ की लापरवाही सामने आई। सभी आरोपियों को कोर्ट से स्टे मिल गया।
इसके बाद नैनी पुलिस ने जांच की और 11 में 10 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस ने कुलाधिपति जेए ऑलिवर, कुलपति डॉ. राजेंद्र बिहारी लाल, तत्कालीन रजिस्ट्रार अजय कुमार लॉरेंस, प्रतिकुलपति सुनील बी. लाल, तत्कालीन निदेशक एचआरएम बिनोद बिहारी लाल, रजिस्ट्रार रॉबिन एल प्रसाद, तत्कालीन वित्तनियंत्रक स्टीफेन दास, प्रतिकुलपति डॉ. सर्वजीत हर्बट, तत्कालीन निदेशक एचआरएम रंजन ए जॉन, कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।
इन आरोपियों में नैनी में दर्ज शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रतिकुलपति डॉ. सर्वजीत के हर्बट और कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह को एसीपी नैनी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोप पत्र में पुलिस ने वेतन व यात्रा व्यय आदि मद मे 69,40,125 रुपए का अधिक भुगतान, चालक और नौकरों के नाम पर 1.70 करोड़ रुपये गबन का आरोप सही पाया गया। इसके अलावा पदाधिकारियों ने यात्रा भत्ते, पेट्रोल व ओवर टाइम के नाम पर करोड़ों रुपये गबन किया।
कुलपति पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची पुलिस
सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस (शुआट्स) में 69 शिक्षकों की अवैध भर्ती मामले में पुलिस सुप्रीम की शरण में पहुंची है। कोर्ट के सामने पुलिस अपना पक्ष रखेगी और कुलपति समेत अन्य पर कार्रवाई की अनुमति मांगेगी। दरअसल शुआट्स के फरार आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। इसके कारण पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं कर पा रही है। अभी तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर एसीपी ने आरोप पत्र दाखिल किया है।
सीओ एसटीएफ नवेंदु सिंह ने फरवरी 2023 को शुआट्स के कुलाधिपति जेए ऑलिवर, कुलपति डॉ. राजेंद्र बिहारी लाल, तत्कालीन रजिस्ट्रार अजय कुमार लॉरेंस, प्रतिकुलपति सुनीता बी लाल, तत्कालीन निदेशक एचआरएएम बिनोद बिहारी लाल, रजिस्ट्रार रॉबिन एल प्रसाद, तत्कालीन वित्त निदेशक स्टीफन दास, डीन डॉ. मोहम्मद इम्तियाज, प्रतिकुलपति डॉ. सर्वजीत, तत्कालीन निदेशक एचआरएम रंजन ए जॉन और कार्यालय अधीक्षक अशोक संदीप सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कराई थी। इस केस के विवेचक एसीपी अजीत सिंह चौहान ने प्रतिकुलपति डॉ. सर्वजीत हर्बर्ट और कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
जांच कर रहे एसीपी करछना अजीत सिंह चौहान को जांच में पता चला कि शुआट्स में 1984 से 2017 के मध्य कुल 69 प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति में मानकों को पूरा नहीं किया गया था।
जांच शुरू हुई लेकिन तब तक कुलपति समेत अन्य आरोपी शहर छोड़कर भाग निकले थे। एसीपी ने शुआट्स के पदाधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष रखने के लिए समय भी दिया था। हालांकि कोई शुआट्स की ओर से कोई साक्ष्य नहीं मिला। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी थी लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत मिल गई। इसी आदेश के खिलाफ पुलिस टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।