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यूपी: निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर कर्मचारी, कई जिलों में बिजली संकट

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के खिलाफ आंदोलनरत कार्मिकों के कार्य बहिष्कार को समाप्त कराने की कोशिशें देर रात विफल हो गईं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में जिन बातों पर...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ। Tue, 6 Oct 2020 12:33 AM
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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के खिलाफ आंदोलनरत कार्मिकों के कार्य बहिष्कार को समाप्त कराने की कोशिशें देर रात विफल हो गईं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में जिन बातों पर सहमति बनी थी उनके जाने के बाद बात बिगड़ गई। अपर मुख्य सचिव व पावर कारपोरेशन के सीएमडी अरविंद कुमार ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया है। 

सोमवार रात आठ बजे से ही शक्ति भवन में कार्य बहिष्कार समाप्त करने के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों तथा पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की बैठक रात आठ बजे से चल रही थी। रात दस बजे सूचना आई कि समझौता हो गया और कार्य बहिष्कार समाप्त। इसके कुछ देर बाद ही यह सूचना आई कि सीएमडी ने हस्ताक्षर करने से मना किया, वार्ता विफल। 

वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार करने की बातें थी समझौते में

कई चक्र वार्ता के बाद यह तय हुआ था कि पूर्वांचल या किसी अन्य क्षेत्र के विघटन या निजीकरण का प्रस्ताव सरकार की तरफ से वापस लिया जाता है। वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार की सार्थक कार्यवाही की जाएगी। कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लिए बगैर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।

विद्युत वितरण में सुधार, राजस्व वसूली, बेहतर उपभोक्ता सेवा के लिए प्रयास किए जाएंगे। उपकेंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने में कर्मचारी अपना पूरा सहयोग देंगे। 31 मार्च तक सुधार की इस कार्यवाही की ऊर्जा मंत्री, प्रबंधन तथा संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा किया जाएगा। आंदोलन के कारण किसी भी कार्मिक के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। दर्ज मुकदमें वापस कराए जाएंगे। 

मना करने से पहले सीएमडी ने कहीं फोन से की थी बात

इन शर्तों के साथ संयुक्त संघर्ष समिति ने आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया। समझौता पत्र पर कई लोगों ने हस्ताक्षर भी कर दिए। बताया जाता है कि जब समझौता पत्र सीएमडी अरविंद कुमार के पास गया तो उन्होंने उसे ध्यान से पढ़ी। फिर वह अंदर गए और शासन व सरकार में शायद कुछ लोगों से बात की। वापस लौटकर उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। उनका मानना था कि समझौते में व्यवस्था सुधार के कोई ठोस कदम नहीं थे। 

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा है कि सीएमडी अरविंद कुमार ने धोखा दिया है। ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद हस्ताक्षर नहीं किया। मंगलवार से आंदोलन और तेज होगा। कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। दूसरी तरफ इस मुद्दे पर मंत्री या सीएमडी की तरफ से कोई बयान नहीं जारी किया गया। किसी ने फोन भी रिसीव नहीं किया। 

सीएमडी अरविंद कुमार ने कहा है कि आज संघर्ष समिति के साथ लंबी वार्ता हुई है। अभी वार्ता का क्रम जारी रहेगा। वार्ता में शामिल संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि कहीं विद्युत आपूर्ति बाधित ना हो।
 

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