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यूपी के शहरी निकायों में 53352 कर्मचारियों की जरूरत, कैग की रिपोर्ट में खुलासा

शहरी सुविधाएं बेहतर करने के लिए निकायों के पास 53352 कर्मचारियों की और जरूरत बताई गई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इतने कर्मचारियों की कमी बताई गई है।

Ajay Singh विशेष संवाददाता, लखनऊMon, 5 Aug 2024 05:42 AM
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उत्‍तर प्रदेश के निकायों में शहरी सुविधाएं देने के लिए जरूरत भर कर्मचारी ही नहीं है। स्थिति यह है कि कर्मियों की कमी की वजह से जुगाड़ के सहारे निकायों को काम चलाना पड़ रहा है। शहरी सुविधाएं बेहतर करने के लिए निकायों के पास 53352 कर्मियों की और जरूरत बताई गई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इतने कर्मियों की कमी बताई गई है।

कैग की रिपोर्ट में कर्मियों की कमी का बिंदुवार जिक्र किया गया है। इसमें वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2019-20 तक का जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि वर्ष 2015 से 2020 तक की अवधि में राज्य के शहरी स्थानीय निकायों की सभी सेवाओं में स्वीकृत पदों और कार्यरत कर्मियों का अध्ययन किया गया। इसमें लखनऊ, झांसी, मुरादाबाद, मथुरा-वृंदावन, बलिया, रामपुर, टुंडला, ललितपुर, प्रतापगढ़, अमरोहा, लखीमपुर, भदोही और मिर्जापुर में सबसे अधिक कर्मियों की कमी पाई गई है।

लखनऊ में 31 फीसदी कर्मचारियों की कमी
कैग की रिपोर्ट में उदाहरण के तौर पर दिया गया है कि लखनऊ में 31.37, झांसी में 45.50, मुरादाबाद 29.76 और मथुरा-वृंदावन में 33.98 फीसदी कार्मियों की कमी है। प्रदेश के 25 नगर पालिका परिषद ऐसे हैं जहां पर 24 से लेकर 53 फीसदी तक कार्मियों की कमी बताई गई है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि नमूना जांच के दौरान पता चला है कि नगर पालिका परिषदों में रिक्त पदों का प्रतिशत नगर निगमों की तुलना में अधिक था। अधिकतर निकायों में संविदा के आधार पर कर्मियों को रखकर काम चलाया जा रहा है। नगर पंचायतों में स्वीकृत पदों में 33 फीसदी पद रिक्त पाए गए हैं। कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है किसी भी शहरी स्थानीय निकाय में कामों के हस्तांतरण में भी एकरूपता नहीं है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी बुनियादी ढांचे का उचित रख-रखाव तकनीकी कर्मचारियों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। जांच में पाया गया कि अभियांत्रिकी सेवा सिविल के अंतर्गत नगर निगमों व नगर पालिका परिषदों में क्रमश 10 और 48 प्रतिशत रिक्त मिले। लखनऊ नगर निगम में तकनीकी पदों पर स्वीकृति से अधिक मिले। नगर पंचायतों की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। राज्य सरकार द्वारा अभियांत्रिकी सेवाओं के कोई पद ही स्वीकृत नहीं किए गए हैं।

निकायों में कर्मियों के खाली पदों की स्थिति
वर्ष                   केंद्रीयत सेवा  अकेंद्रीयत सेवा   सफाई

2015-16          1616           5607              38059
2016-17          1416           5722              37034
2017-18          1256           6213              40837
2018-19          1168           6813             41664
2019-20          1251           8356             43745

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