लखनऊ मेट्रो को मिला सवा छह करोड़ बकाए का नोटिस, टैक्स ना चुकाने पर होगी कार्रवाई
लखनऊ मेट्रो और नगर निगम के बीच हाउस टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है। नगर आयुक्त का कहना है कि अगर मेट्रो टैक्स चुका दे तो शहर की 30 प्रतिशत खराब सड़कें दुरुस्त हो जाएंगी।
लखनऊ मेट्रो और नगर निगम के बीच हाउस टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है। नगर आयुक्त का कहना है कि अगर मेट्रो टैक्स चुका दे तो शहर की 30 प्रतिशत खराब सड़कें दुरुस्त हो जाएंगी। नगर आयुक्त ने इसके लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी को पत्र लिखकर टैक्स चुकाने को कहा है। वहीं, मेट्रो का कहना है कि मेट्रो रेलवे की तरह एक संस्था है जिस पर टैक्स नहीं लगता है।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन अभी तक लखनऊ नगर निगम को कोई टैक्स नहीं दे रहा है। न ही मेट्रो हाउस टैक्स देता है और न ही विज्ञापन टैक्स, जबकि मेट्रो के पिलर पर भारी-भरकम विज्ञापनों के बोर्ड लगे हैं। लखनऊ नगर निगम ने पिछले साल सर्वे कराकर मेट्रो को नोटिस भेजी थी लेकिन मेट्रो ने अभी तक टैक्स नहीं भरा। मेट्रो कार्पोरेशन का कहना है कि वह टैक्स के दायरे में नही आता है। वहीं नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो पर टैक्स लगता है। इसी विवाद से नगर निगम ने 6 करोड़ 32 लाख रुपये का नोटिस भेज दिया।
नगर आयुक्त ने दी चेतावनी
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने यूपी मेट्रो रेल एमडी को अंतिम चेतावनी नोटिस दी। जिसमें कहा गया है कि टैक्स ना जमा होने पर नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 507 और 5012 में विहित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह का कहना है कि मेट्रो लिमिटेड कंपनी है। ये रेलवे का उपक्रम नहीं है। मेट्रो टैक्स के दायरे में आता है।
यूपी मेट्रो के कंपनी सेक्रेटरी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने पुष्पा बेलानी ने बताया कि मेट्रो रेलवे की तरह संस्था है। रेलवे पर टैक्स नहीं लगता है। इसी वजह से मेट्रो पर भी टैक्स नहीं लगता। अगर टैक्स लगता है तो राज्य सरकार इसका पैसा यूपी मेट्रो को देगी। फिर मेट्रो नगर निगम को टैक्स चुकाएगा। एमओयू राज्य सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें टैक्स देने का कोई प्रावधान नहीं है।