Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़mulayam singh yadav first death anniversary english teacher uday pratap singh had narrated story his student life

Mulayam Singh Yadav: अंग्रेजी मत बोलना,...जब मास्‍साब ने सुनाया अपने MP बनने और नेताजी के कम नंबर आने का किस्‍सा

मुलायम सिंह यादव ने विशेष आग्रह करके अपने शिक्षक को बुलवाया और उनके बगल में खड़े रहकर मुस्‍कुराते हुए सारी बातें सुनते रहे। उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इनसे (मुलायम से) हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है।

Ajay Singh लाइव हिंदुस्‍तान, लखनऊTue, 10 Oct 2023 09:56 AM
share Share

मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्‍यतिथ‍ि: भारतीय राजनीति में धरतीपुत्र और नेताजी के नाम से मशहूर रहे मुलायम सिंह यादव की जिंदगी से जुड़े यूं तो कई किस्‍से सियासी गलियारों में बड़े शौक से सुने और सुनाए जाते हैं लेकिन कुछ किस्‍से ऐसे हैं जिन्‍हें मुलायम सिंह खुद बड़े चाव से सुनते थे। खासकर अपने गुरु उदय प्रताप सिंह से छात्र जीवन के दौरान के किस्‍से। ऐसे ही कुछ किस्‍सों का जिक्र करते हुए उन्‍हें अंगेजी पढ़ाने वाले उदय प्रताप सिंह ने 22 नवम्‍बर 2017 को मुलायम सिंह यादव के 79 वें जन्‍मदिन पर अपने सांसद बनने और फिर संसद में जाने से पहले मुलायम सिंह यादव द्वारा दी गई नसीहत का जिक्र किया था। उदय प्रताप सिंह ने कहा था कि वैसे तो उन्‍होंने मुलायम सिंह यादव को पढ़ाया था लेकिन राजनीति की दुनिया में वह (मुलायम सिंह) उनके गुरु बन गए। 

जन्‍मदिन समारोह के मंच पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने विशेष आग्रह करके अपने गुरु को बुलवाया और उनके बगल में खड़े रहकर मुस्‍कुराते हुए सारी बातें सुनते रहे। उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इनसे (मुलायम सिंह से) हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। लेकिन जब गुरु उदय प्रताप सिंह ने माइक संभाला तो उन्‍होंने कहा कि ये नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का बड़प्‍पन है। ईमानदारी की बात तो ये है कि मैंने नेताजी से बहुत कुछ सीखा है। उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मुझे नेताजी ने ही पहली बार एमपी बनाया तब इन्‍होंने मुझसे कहा था कि आप अंग्रेजी के अध्यापक हैं, अंग्रेजी पढ़ाते रहे हैं, संसद में अंग्रेजी मत बोलना। आपने जिस भाषा में वोट मांगे हैं और जिन भाषाभाषियों का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं उन्‍हीं की भाषा बोलना। दूसरी बात इन्‍होंने यह सिखाई कि उस समय तक मैं कोट-पैंट, सूट पहनता था, नेताजी ने कहा कि जनता का काम करना है तो जनता की ड्रेस पहननी है आपको। 

उदय प्रताप सिंह ने तब कहा था कि मैंने इन्‍हें (मुलायम सिंह को) अंग्रेजी पढ़ाई और फिर हम दोनों ने मिलकर अंग्रेजी का विरोध किया। इन्‍होंने ये कहा कि अंग्रेजी हिंदुस्‍तान की भाषाओं के पीछे एक भाषा हो सकती है लेकिन वो हमारी भाषाओं का नेतृत्‍व नहीं कर सकती। जब तक हिंदुस्‍तान में अंग्रेजी रहेगी तब तक जो हमारे संविधान का संकल्‍प है कि हम सबको सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आजादी देंगे वो संभव नहीं है। 

छमाही में आए थे कम नंबर

इसी समारोह में सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव के अनुरोध पर उनके गुरु उदय प्रताप सिंह ने एक और किस्‍सा सुनाया। उन्‍होंने बताया कि उस साल छमाही परीक्षा में मुलायम सिंह यादव के नंबर कम आए थे। इधर, ये जिला स्‍तर पर खेलकूद प्रतियोगिता में लाइट वेट चैम्पियन हो गए और इनका नाम असोम में राज्‍य की ओर से लड़ने के चला गया। तो ये जब जाने को हुए तो मैंने इनको बुलाया और कहा कि इंटरमीडिएट की फाइनल परीक्षा में दो महीने ही रह गए हैं। यदि आप गए तो फिर अखबार में आपका रोल नंबर चश्‍मा लगाकर खोजने से भी नहीं मिलेगा। बेहतर ये है कि कुश्‍ती छोड़ो और ध्‍यान से पढ़ो। पास हो जाओगे तो कुछ बन जाओगे। तब इन्‍होंने कहा कि मैं कभी फेल नहीं हूंगा। 

मुलायम के शिक्षक रहे उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ये (मुलायम) कहीं नहीं गए, हमारी बात मान ली। फिर भी मुझे शंका थी। मैंने इनसे पूछा कि मैं कैसे मान लूं कि आप पास हो जाओगे। तो इन्‍होंने कहा कि आपने जो महत्‍वपूर्ण सवाल बताए हैं उन्‍हें मैं तैयार कर लूंगा। फिर अगले दिन इन्‍होंने आकर मुझे मय कामा, फुलस्‍टाप सब सुना दिया। लिखकर भी दिखा दिया। तब मैंने कहा कि था आपका मस्तिष्‍क बहुत तेज है। आप जो भी याद करना चाहते हैं वो याद कर लेते हैं। आप निश्चित पास हो जाएगा और वास्‍तव में मुलायम सिंह उस इम्तिहान में पास हो गए और फिर जिंदगी में पास होते ही चले गए। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें