एमएनएनआईटी के प्रोफेसर भी बन गए साइबर ठगों का शिकार, खाते से सात लाख उड़ाए, ऐसे लगा दिया चूना
साइबर ठग पढ़े लिखे लोगों को भी आसानी से अपने जाल में फंसा ले रहे हैं। इस बार साइबर ठग ने एमएनएनआईटी के प्रोफेसर को बिजली का बिल जमा करने का झांसा देकर उनके बैंक खाते से करीब पौने सात लाख उड़ा दिए।
साइबर ठग पढ़े लिखे लोगों को भी आसानी से अपने जाल में फंसा ले रहे हैं। इस बार साइबर ठग ने एमएनएनआईटी के प्रोफेसर को बिजली का बिल जमा करने का झांसा देकर उनके बैंक खाते से लाखों रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए। साइबर थाने की पुलिस एफआईआर दर्ज करके जांच कर रही है।
एमएनएनआईटी के प्रोफेसर विनोद यादव ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस को बताया कि 20 अगस्त को उनके व्हाट्स एप पर मैसेज आया कि आपके लखनऊ स्थित मकान का बिजली बिल नहीं जमा करने से रात 8.30 बजे तक कनेक्शन काट दिया जाएगा। इस मैसेज में यह भी लिखा था कि दिए गए बिजली अफसर के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। उस नंबर पर प्रोफेसर ने कॉल किया और साइबर ठग के जाल में फंस गए।
साइबर ठग ने कहा कि बिजली का बिल अपडेट करने के लिए मोबाइल एप डाउनलोड कर केवल 11 रुपए जमा करना है। प्रोफेसर ने जैसे ही मोबाइल एप डाउनलोड किया, साइबर शातिर ने उनके मोबाइल को अपने कंट्रोल में कर लिया।
इधर, उस एप को खोलकर प्रोफेसर ने अपने बैंक खाते से ऑनलाइन 11 रुपए जमा कर दिए। इस बीच कॉल फॉरवर्डिंग का परमिशन लेकर साइबर ठग ने उनके दूसरे बैंक खाते की भी जानकारी ले ली। इसके बाद उनके बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से पौने तीन लाख रुपये और एसबीआई के खाते से लगभग चार लाख रुपये उड़ा दिए।
इन बातों का रखें ध्यान
-किसी के कॉल पर कोई भी मोबाइल एप डाउनलोड न करें
-कोई बैंक या अन्य कंपनी कभी बैंक संबंधित ओटीपी नहीं मांगती
-बिजली का बिल के नाम पर साइबर ठगी की कई घटनाएं हो चुकी
-कस्टमर केयर का नंबर तलाशने के दौरान हमेशा सावधानी बरतें
-किसी ऑफर का लिंक मैसेज आने पर उसे ओपन करने से बचें