वाइस चांसलर से बदसलूकी, रजिस्ट्रार की पिटाई मामले में डीडीयू सख्त, ABVP भी अड़ी; जारी किए 14 पोस्टर
डीडीयू प्रशासन आक्रामक रुख अपना रहा है तो एबीवीपी भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही। दोनों तरफ से कश्मकश जारी है। 21 जुलाई को प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी कुलसचिव पर हमला करते नज़र आए थे।
DDU News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान 21 जुलाई को हुए बवाल में विश्वविद्यालय प्रशासन आक्रामक रुख अपना रहा है तो एबीवीपी भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही। दोनों तरफ से कश्मकश जारी है। बता दें कि 21 जुलाई को विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी कुलसचिव पर हमला करते नज़र आए थे। उस दिन एक प्रदर्शनकारी ने कुलपति की भी गर्दन पकड़ ली थी।
इस मामले में पहले अभाविप के सदस्यों समेत 22 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया। एफआईआर दर्ज होने के कुछ घंटे बाद ही दोबारा उसमें धाराएं जुड़वाई गईं। उसके बाद दो और कार्यकर्ताओं को चिह्नित करते हुए उनके नाम भी एफआईआर में शामिल करने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखा गया।
बीते 24 जून को 10 छात्रों को निष्कासन के सम्बंध में नोटिस जारी किया गया। इस मामले में 27 जुलाई को शुल्क वृद्धि पर डीडीयू प्रशासन द्वारा सफाई दिए जाने के बाद कयास लगने लगे थे। लेकिन 28 जुलाई को 18 छात्रों को निष्कासित करने की घोषणा कर दी।
शुल्क वृद्धि को हथियार बनाएगी एबीवीपी एबीवीपी शुल्क वृद्धि को अपने आंदोलन को हथियार बनाने की रणनीति पर कार्य कर रही है। अभाविप गोरक्ष प्रांत के मंत्री सौरभ गौंड ने कहा कि शनिवार को अभाविप कार्यकर्ता राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल से मिले। उधर, अभाविप की डीडीयू इकाई ने शनिवार को कुल 14 पोस्टर जारी कर 14 सवाल किए हैं। पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। पोस्टर में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम आदि पर सवाल उठाए गए हैं।
जेल में मिले एमएलसी
अभाविप कार्यकर्ताओं के समर्थन में अब खुलकर जनप्रतिनिधि भी सामने आने लगे हैं। शनिवार को भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने जेल में जाकर अभाविप कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। एमएलसी ने छात्रों की मांगों के समर्थन की घोषणा की है। उन्होंने आश्वासन दिया छात्रों को समर्थन देंगे।