कानपुर में प्रदूषण के लिए मेट्रो पर लगा जुर्माना, रेड जोन में पहुंचे शहर के कई इलाके; दमघोंटू हुई हवा
कानपुर के कई इलाकों में प्रदूषण रेड जोन में पहुंच गया है। हवा दमघोंटू हो रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मेट्रो पर 52.50 लाख रुपए जुर्माने की संस्तुति कर दी है।
Metro fined for pollution in Kanpur: यूपी के कानपुर शहर का प्रदूषण अब रेड अलर्ट के नजदीक पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के शहर में चार सेंटरों में से एक आईआईटी क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) रेड जोन में पहुंच गया है। उधर, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मेट्रो के छह भूमिगत और एलीवेटेड स्टेशनों पर 52.50 लाख रुपये के जुर्माने की संस्तुति कर दी है। बोर्ड का मानना है कि मेट्रो के कामों की वजह से भी पिछले दो महीनों से कानपुर के वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
बता दें कि किसी स्थान का एक्यूआई 300 के ऊपर प्रदूषण रेड जोन में आ जाता है। यहां शाम चार बजे एक्यूआई 365 पहुंच गया। धूल-धुएं के कणों (पीएम 2.5) की अधिकतम संख्या 404 माइक्रोन प्रति घनमीटर रही। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। इस स्थिति में लंबे समय तक रहने पर श्वसन संबंधी बीमारियां हो जाती है।
सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली 454, ग्रेटर नोएडा 410, गुड़गांव 402 और नोएडा में 414 एक्यूआई रहा। इसका असर धीरे-धीरे कानपुर में बढ़ने लगा है। रविवार को एक्यूआई 199 से बढ़कर 282 पहुंच गया। यह डार्क यलो जोन में आता है। यह रेड जोन के नजदीक रहा। अभी कानपुर का एक्यूआई और बढ़ने की संभावना है। वहीं सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि प्रदूषण से राहत के आसार नहीं है।
आईआईटी क्षेत्र, नेहरू नगर सर्वाधिक प्रदूषित
आईआईटी कानपुर और नेहरू नगर का एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। आईआईटी क्षेत्र का एक्यूआई शहर में सर्वाधिक रहा। शाम छह बजे सर्वाधिक 367 रहा। यहां पीएम 2.5 का स्तर भी अधिकतम 404 माइक्रोन प्रति घनमीटर (मानक 60) पर आ गया। नेहरू नगर सेंटर का एक्यूआई सुबह 09 बजे 257 था लेकिन शाम चार बजे 292 पर आ गया। यहां धूल धुएं के सर्वाधिक कणों की संख्या 367 रही।
किदवई नगर और एनएसआई में राहत
किदवई नगर क्षेत्र का एक्यूआई शाम चार बजे 230 रहा जबकि एनएसआई का 241 पर पहुंच गया। यह भी डार्क यलो जोन में रहे। यहां पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 306 और 328 माइक्रोन प्रति घन मीटर रही। यह मानक से पांच गुना से अधिक है।
दो बजे से बढ़ने लगा दमघोंटू प्रदूषण
सुबह धुंध की चादर तो रही लेकिन बेहद झीनी थी। करीब दो बजे के बाद वातावरण में बदलाव दिखा। अंधेरा सा छाने लगा। ऐसा लगा कि बारिश के आसार बन रहे हैं। धीरे-धीरे अंधेरा गहराने लगा। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। हवा में दुर्गंध फैलने लगी। अफीम कोठी निवासी शारदुल ने बताया कि शाम पांच बजे आंखों में बेहद जलन हो रही थी।
मेट्रो पर 52.50 लाख जुर्माने की संस्तुति
कानपुर में मेट्रो के कामों की वजह से भी वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने मेट्रो के छह भूमिगत और एलीवेटेड स्टेशनों पर 52.50 लाख रुपये के जुर्माने की संस्तुति की है। उसे मुख्य पर्यावरण अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड, लखनऊ को भेज दिया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने एलिवेटेड बन रहे मेट्रो स्टेशन बुद्ध नगर और नौबस्ता का 19 सितंबर और 20 अक्तूबर को औचक निरीक्षण किया था। मेट्रो के लिए चल रहे कार्यों से सर्विस रोड पर लगातार धूल उड़ रही थी। परियोजना निदेशक को नोटिस दिया गया था। फिर भी वायु प्रदूषण कम करने को लेकर कोई रोकथाम नहीं की गई। 26 लाख जुर्माने की संस्तुति की गई है। वहीं भूमिगत बड़ा चौराहा, नयागंज, चुन्नीगंज और नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण में लगातार सर्विस रोड पर धूल उड़ते मिली। वॉटर स्प्रिकलिंग और एंटी स्मॉग गन का संचालन होता नहीं पाया गया। परियोजना निदेशक को नोटिस जारी किया गया था। फिर भी रोकथाम नहीं की गई।
एलिवेटेड और ओवरहेड मेट्रो स्टेशन से लगातार वायु प्रदूषण फैल रहा है। 30 अगस्त से 31 अक्तूबर तक लगभग दो महीने का अर्थदंड 52.50 लाख रुपये लगाकर कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई। -अमित मिश्रा, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
मेट्रो ने जताई अनभिज्ञता
जुर्माने की संस्तुति को लेकर यूपी मेट्रो के परियोजना निदेशक अरविंद सिंह ने अपनी अनभिज्ञता जताई। कहा कि मुझे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जुर्माने की संस्तुति या पत्र के संबंध में अभी जानकारी नहीं है। पत्र मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।