सुविधाओं के लिए ढीली करनी होगी जेब, बड़े शहरों में मेट्रो और एलिवेटेड रोड तो देना होगा अतिरिक्त विकास शुल्क
राज्य सरकार बड़े शहरों में लोगों को जरूरत के आधार पर विशेष सुविधाएं दे रही है। इसमें मेट्रो रेल, लाइट रेल, क्षेत्रीय रैपिड रेल, बीआरटीएस और रोप-वे शामिल हैं। हालांकि इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
यूपी सरकार बड़े शहरों में मेट्रो रेल, रैपिड रेल, रोप-वे जैसी सुविधाएं देने के एवज में अतिरिक्त शुल्क लेने की तैयारी कर रही है। आवास विभाग इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम में इसका प्रावधान करते हुए जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी कराने जा रहा है।
विशेष सुविधा पर ध्यान
राज्य सरकार बड़े शहरों में लोगों को जरूरत के आधार पर विशेष सुविधाएं दे रही है। इसमें मेट्रो रेल, लाइट रेल, क्षेत्रीय रैपिड रेल, बीआरटीएस, रोप-वे, फ्री वेज एलीवेटेड रोड की सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों का पुनरोद्धार कराने के साथ ही नदी व तटीय क्षेत्रों का विकास कराया जा रहा है। अन्य में प्रमुख अवस्थापना परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इसको कराने पर विकास प्राधिकरणों को तय बजट से अधिक खर्च करना पड़ रहा है। इसके चलते उनके पास पैसे की कमी हो रही है। इसीलिए अतिरिक्त शुल्क लगाने पर विचार हो रहा है।
जनता पर पड़ेगा भार
आवास विभाग चाहता है कि जिन शहरों में ऐसी सुविधाएं दी जा रही हैं, वहां विकास शुल्क के साथ ही नक्शा पास कराने पर इस मद में अतिरिक्त शुल्क लिया जाए। इसके लिए राशि क्षेत्रवार तय की जाएगी। नए शुल्क से जनता पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री से इसके लिए जल्द ही अनुमति लेने की तैयारी है। इसके बाद कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
विकास शुल्क के दायरे में
विकास प्राधिकरण अभी तक शहरों में सड़क, नाली, सीवर लाइन, विद्युत आपूर्ति और जलापूर्ति के एवज में विकास शुल्क लेते हैं। नक्शा पास करने से मिलने वाले विकास शुल्क से इनका निर्माण कराने के साथ ही रख-रखाव कराया जाता है। उप्र नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम की धारा-15 के तहत इसे लिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि इसी धारा में संशोधन करते हुए अतिरिक्त शुल्क लेने का प्रावधान किया जा रहा है।