Meerut Tourist Places: महाभारत काल से लेकर 1857 की क्रांति का गवाह है मेरठ, ये हैं टॉप 5 टूरिस्ट प्लेस
मेरठ महाभारत काल से लेकर 1857 की क्रांति की यादे संजोए हुए है। महारभारत का हस्तिनापुर मेरठ में ही स्थित है। इसके अलावा यह स्थल जैन धर्म और सिख धर्म के लिए भी खास है।
मेरठ महाभारत काल से लेकर 1857 की क्रांति की यादे संजोए हुए है। महारभारत का हस्तिनापुर मेरठ में ही स्थित है। इसके अलावा यह स्थल जैन धर्म के लिए भी खास है। यह प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का पारणा स्थल भी है। वहीं शहर में 1857 की क्रांति के दौरान मारे गए अंग्रेजों की कब्रें में भी हैं। इसके अलावा यहां मुगलकाल के भी अवशेष मिलते हैं। पर्यटन के लिहाज से यहां कई स्थान हैं। दिल्ली से मेरठ की दूरी करीब 81 किलोमीटर है।
औघड़नाथ मंदिर
भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों मे से एक मेरठ स्थित बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर है। ये मंदिर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र भी बनना। पहले इस मंदिर को काली पल्टन के नाम से जाना जाता था। इतिहासकारों के मुताबिक 1803 के बाद अंग्रेजों ने ये हिस्सा मराठाओं से छीन लिया था।
हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य
इस अभायण्य को हस्तिनापुर नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। इसी स्थापना 1986 में की गई। है। 2073 वर्ग किमी में फैले इस सैंचुरी में हिरण, सांभर, नीलगाय, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हैना, चीतल पाए जाते हैं। वहीं यह स्थान 350 से भी ज्यादा प्रजाति के पक्षियों का घर है। जिसमें पेंट स्टॉर्क, सारस क्रेन, भारतीय सींग उल्लू, किंगफिशर, बुलबुल समेत अन्य चिड़िया यहां रहती हैं। घूमने के लिहाज से यहां नवंबर से जून का महीने बेहतरीन होता है।
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर में जैन धर्म का भव्य मंदिर स्थापित है। प्रवेश द्वार से होते ही 31 फीट का ऊंचा मानस्तंभ बना हुआ है। मंदिर में केवल एक खंड है। जिले के ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक हस्तिनापुर में विदुर्र टीला, पांडेश्वर मंदिर बारादरी, द्रोणदेश्वर मंदिर, कर्ण मंदिर स्थित है। वहीं ये स्थल सिख धर्म के लिए भी खास है। यहां पंच प्यारे भाई धर्म सिंह का जन्म हुआ था।
शहीद स्मारक
1995 में यूपी सरकार ने यहां संग्रहालय का निर्माण करवाया था। यहां सफेद मार्बल से बना 30 फीट ऊंचा स्मारक है। इसका निर्माण 1857 की क्रांति में शहीद हुए सिपाही को श्रद्धांजलि देने के लिए कराया गया था। मेरठ ने ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंका था।
सेंट जॉन चर्च
सेंट जॉन चर्च का निर्माण ब्रिटिश सेना के पादरी रेवरेंड हेनरी फिशर ने 1819 में निर्माण करवाया था। जो 1824 में बनकर तैयार हुआ। उत्तर भारत के पुराने चर्च में से एक इसमें साथ साथ 10 हजार लोग प्रेयर कर सकते हैं। 1857 की क्रांति के दौरान मारे गए अंग्रेजों का अंतिम संस्कार यही हुआ था। इस चर्च का निर्माण संगमरमर, पीतल, लकड़ी और कांच से हुआ है। ये पेरिस के चर्च की वास्तुकला पर बनाया गया है।
मेरठ के अन्य पर्यटन स्थल
मेरठ के हस्तिनापुर में अन्य पर्यटन स्थलों के तौर पर करण मंदिर, कमल मंदिर, दिगम्बर जैन मंदिर, जंबुद्वीप जैन मंदिर, श्वेतांबर मंदिर, अस्तमद मजैन मंदिर, मनसा देवी मंदिर, गांधी बाग और सुरज कुंड पार्क है।