Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Mahashivratri will be special in Kashi for the first time Baba Vishwanath s marriage will be held in Swarn Mandap

काशी में खास होगी महाशिवरात्रि, पहली बार स्वर्णमंडित मंडप में होगा बाबा विश्वनाथ का विवाह

आध्यत्मिक नगरी वाराणसी में इस साल महाशिवरात्रि खास होने वाली है। देवाधिदेव महादेव के विवाह पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियों हो गई हैं। बाबा विश्वनाथ का विवाह इस साल स्वर्णमंडित मंडप में होगा।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 17 Feb 2023 05:57 PM
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आध्यत्मिक नगरी वाराणसी में इस साल महाशिवरात्रि खास होने वाली है। देवाधिदेव महादेव के विवाह पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियों हो गई हैं। बाबा विश्वनाथ का विवाह इस साल स्वर्णमंडित मंडप में होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के गुंबज और गर्भगृह को 60 किलो सोने से स्वर्णमंडित किया गया है। इसी नवनिर्मित धाम के स्वर्णीम आभा में बाबा विश्वनाथ और मां गौरा के साथ 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। यहां रात भर उत्सव का माहौल होगा। दुनियाभर के शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के विवाह उत्सव महाशिरात्रि के दिन काशी में बाराती बनने के लिए लालायित रहते हैं।

शनिवार को महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के लिए 10 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल 6 लाख भक्त पहुंचे थे। मंदिर प्रशासन ने इस बार ऐसा इंतजाम किया है कि लाइन में लगने के आधे घंटे के अंदर ही भक्त गर्भगृह तक पहुंच कर दर्शन कर सकें। औसतन एक श्रद्धालु को पूजा के लिए 2 सेकंड्स का वक्त मिलेगा।

इस दौरान भक्त ज्योर्तिंलिंग को न छू सकेंगे और न सीधे शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकेंगे। गर्भगृह के बाहर लगे पाइप से दूध, जल, बेल पत्र, फूल चढ़ा पाएंगे। गर्भगृह के चारों गेट से केवल झांकी दर्शन होगा। शिवरात्रि पर मंदिर में VIP दर्शन बंद रहेगा। मंदिर में प्रवेश और एग्जिट के लिए 4 गेट होंगे। 

वर्ष 1835 में महाराजा रणजीत सिंह के मंदिर के गुंबज को स्वर्णमंडित कराने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरताल पर उतारते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने विस्तार दिया। 13 दिसम्बर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का पीएम ने लोकार्पण किया। 

इसी दौरान बाबा को गुप्तदान में 60 किलो सोना मिला। इससे गर्भगृह और बाहरी दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। अब इस स्वर्ण मंडित गर्भगृह में पहली बार भक्त बाबा का विवाह उत्सव मनाएंगे। भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी जहां देवाधिदेव महादेव खुद विराजते है। तीनों लोक से न्यारी काशी में शिव भक्त बाबा के विवाह में शामिल होने के लिए बड़ी तादात में आ सकते हैं। इसके लिए प्रसाशन तैयारियों में जुटा।

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि में भक्त गंगा द्वार से भी दर्शन के लिए जा सकेंगे। साथ ही भक्तो की संख्या का अनुमान लगाते हुए सड़कों पर भी बैरिकेडिंग की जा रही है। जिससे श्रद्धालु कतारबद्ध होकर आराम से दर्शन कर सकें।
 
चार द्वारों से होगा भक्तों का प्रवेश

विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश और एग्जिट के लिए 4 गेट होंगे। घाट की तरफ से (पूर्वी द्वार) आने वाले भक्त गंगा द्वार से प्रवेश करेंगे। चौक और मैदागिन से आने वाले भक्तों को नंदी द्वार (उत्तरी द्वार), दशाश्वमेध और अन्नपूर्णां की ओर से मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को ढूंढीराज गणेश (पश्चिमी द्वार), गौदोलिया चौराहे की ओर से आ रहे श्रद्धालुओं को गेट नंबर 1 के आगे सरस्वती फाटक (दक्षिण) से एंट्री मिलेगी।

पूर्व से गंगा द्वार

गंगा द्वार संख्या-1 से प्रवेश करने पर एक चेक प्वाइंट मिलेगा। बाईं ओर लॉकर रूम है। यहां सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रख सकते हैं। यहां से मंदिर चौक क्षेत्र तक जाने के लिए लंबी बैरिकेडिंग मिलेगी। इससे गंगा द्वार-2 से चौक क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा। यहां 200 मीटर लंबी बैरिकेडिंग से गुजरते हुए मंदिर यानी गंगा द्वार- 3 में प्रवेश करेंगे।

पश्चिम से ढूंढीराज द्वार

गौदोलिया चौराहा, चौक और अन्नपूर्णा मंदिर की ओर से आने वाले भक्तों को विश्वनाथ मंदिर के पश्चिमी गेट ढूंढीराज से प्रवेश दिया जाएगा। यहां पर कुल 2 चेकिंग प्वाइंट्स मिलेंगे। अपने सामान रखने के लिए लॉकर भी है।। एग्जिट गेट नंबर 4 या गंगा द्वार से होगा।

उत्तर में नंदी द्वार

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के उत्तर में नंदी द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। यहां पर भक्त रैंप से चढ़कर सीधे 3 चेकिंग प्वाइंट को क्रॉस करते हुए मंदिर में प्रवेश करेंगे। एग्जिट भी यहीं से होगा।

दक्षिण में सरस्वती फाटक

दशाश्वमेध घाट और गौदोलिया गेट (काशी विश्वनाथ गेट) से आने वाले भक्तों को सरस्वती फाटक से प्रवेश दिया जाएगा। एग्जिट के लिए यहां या फिर गंगा द्वार से बाहर निकाला जा सकेगा।

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