Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Magh Mela 2024: Entry gates will be built on the lines of Kumbh to welcome tourists preparations intensified

माघ मेला 2024 : पर्यटकों के स्वागत के लिए कुम्भ की तर्ज पर बनेंगे एंट्री गेट, तैयारियां तेज

माघ मेला 2024 की तैयारी कुम्भ की तर्ज पर हो रही है। हर सेक्टर में कुम्भ की तर्ज पर थिमैटिक गेट बनाए जाएं। यह गेट प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगे।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 29 Dec 2023 05:18 AM
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माघ मेला 2024 की तैयारी महाकुम्भ 2025 के रिहर्सल के रूप में करने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निरीक्षण के बाद मेला प्रशासन ने तय किया है कि हर सेक्टर में कुम्भ की तर्ज पर थिमैटिक गेट बनाए जाएं। यह गेट जहां प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगे, वहीं रिहर्सल वर्ष में महाकुम्भ के लिए की जा रही तैयारियों का प्रतीक भी होंगे। इसके लिए मेला प्रशासन ने सर्वे शुरू कर दिया है। कुम्भ मेला 2019 में हाथी द्वार, शंख द्वार और कुम्भ कलश द्वार बनाए गए थे। दिव्य और भव्य कुम्भ में किए गए इस नए प्रयोग को लोगों ने सराहा था। इसके बाद हुए माघ मेल में द्वार नहीं बनाए गए, लेकिन इस बार तैयारी तेज कर दी गई है।

माघ मेला 2024 में छह सेक्टर बनाए जा रहे हैं। सभी सेक्टरों में एक-एक प्रवेश द्वार होगा। इसे कुम्भ में बनाए गए द्वारों की तर्ज पर विशाल बनाया जाएगा। मेला क्षेत्र में पहली बार आने वाले पर्यटकों के लिए यह लैंड मार्क का भी काम करेगा। इसे लेकर मेला प्राधिकरण में अफसरों ने बैठक की और सर्वे भी शुरू कर दिया है। मेला प्रबंधक विवेक शुक्ला ने बताया कि फिलहाल हर सेक्टर में एक गेट बनाने की योजना है। अभी सर्वे में कुछ जगह जमीन और निकली है। जिसके आधार पर आगे संख्या अंतिम रूप से तय होगी। प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानंद प्रसाद ने बताया कि माघ मेले में गेट बनाने के साथ ही तमाम नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसके साथ ही बिजली के खंभों पर स्पाइरल लाइट भी लगाई जाएगी। 

रंग बिरंगी रोशनी से चमकेंगे पोल
प्रयागराज। मेला क्षेत्र में इस बार तमाम इलाकों में पोलों पर रंग बिरंगी रोशनी लगाई जाएगी। जिससे लोगों को सुखद अनुभूति हो। इसके लिए फिलहाल वीआईपी घाट, वीआईपी रोड और बाजार के आसपास के क्षेत्रों को चुना गया है। आने वाले समय में नए क्षेत्रों में भी इसे लगाया जाएगा। अगर इस बार यह प्रयोग सफल रहा तो इसे महाकुम्भ में बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा।

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