Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़mafia atiq ahmed had bought land worth rs 50 crore in name of a poor mason now it belongs to government

माफिया ने गरीब राजमिस्‍त्री के नाम खरीदी थी 50 करोड़ की जमीन, अब सरकार की हुई 

इस अचल संपत्ति के संबंध में आय के वैध स्रोत से अर्जित करने के साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया। लेकिन विपक्षी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर अदालत ने कुर्की के आदेश को सही माना।

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान, प्रयागराजWed, 17 July 2024 12:23 PM
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Mafia Atiq Ahmed: माफिया अतीक अहमद की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति अब राज्य सरकार की हो गई है। गैंगस्टर एक्ट में कमिश्नरेट पुलिस ने इस संपत्ति को कुर्क किया था। इसके बाद इस अचल संपत्ति के संबंध में आय के वैध स्रोत से अर्जित करने के साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया। लेकिन विपक्षी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर न्यायालय ने कुर्की के आदेश को सही माना। गैंगस्टर कोर्ट ने भी सोमवार को पुलिस आयुक्त कोर्ट के निर्णय को पुष्ट किया और बेनामी संपत्ति को राज्य सरकार के पक्ष में किए जाने का आदेश दिया।

कैंट थाने में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ 2020 में दर्ज मामले की विवेचना के दौरान विवेचक को पता चला कि माफिया अतीक अहमद ने अनुसूचित जाति के गरीब राजमिस्त्रत्त्ी हुबलाल के नाम से कटहुला गौसपुर में 2.34 हेक्टेयर जमीन खरीदी है। इसकी सरकारी कीमत लगभग 12.42 करोड़ और बाजार कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। हुबलाल ने खुद से पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि माफिया के खौफ की वजह से वह अपने नाम जमीन खरीदने का विरोध नहीं कर सका। इस पर पुलिस ने इस जमीन को कुर्क किए जाने की 29 अगस्त 2023 को रिपोर्ट भेजी।

डीसीपी नगर ने हुबलाल व उसकी पत्नी के बैंक खातों जांच की तो पता चला कि अब तक उनके खाते अधिकतम 1.65 लाख रुपये और 97 हजार रुपये ही हैं। जांच के बाद संस्तुति सहित पुलिस आयुक्त कोर्ट को आख्या प्रस्तुत की गई। पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने 4 नवंबर 2023 को इस जमीन को कुर्क किए जाने का आदेश दिया। साथ ही आरोपियों के प्रतिनिधि को कार्रवाई के बारे में सूचित करने का आदेश दिया। इसके लिए विपक्षी को तीन माह का समय दिया गया लेकिन इस दौरान इस अचल संपत्ति के वैध आय स्रोत से अर्जित होने का कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया। इस पर कमिश्नर कोर्ट ने कुर्की के आदेश को सात मार्च को न्यायिक परीक्षण के लिए पत्रावली गैंगस्टर कोर्ट को भेजी।

कमिश्नरेट पुलिस की प्रभावी पैरवी से बना रिकॉर्ड
गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क अचल संपत्ति को 11 माह के अंदर (इतने कम समय में 10 माह 17 दिन)राज्य सरकार में निहित किए जाने का यह जिले में पहला मामला है। आजादी के बाद से अब तक कोई भी कुर्क संपत्ति इतने कम समय में राज्य सरकार में निहित नहीं हुई है। कमिश्नरेट पुलिस और अभियोजन की प्रभावी पैरवी से यह संभव हुआ है।

मजबूत साक्ष्य से कुर्क संपत्ति हुई राज्य सरकार में निहित

कुर्क अचल संपत्ति के राज्य सरकार में निहित किए जाने के आदेश के पीछे मुख्य वजह रही पुलिस की ओर से प्रभावी पैरवी और मजबूत साक्ष्य। पुलिस की ओर से इस मामले में साक्ष्य के रूप में माफिया अतीक की आयकर रिपोर्ट, हुबलाल और उसकी पत्नी के बैंक खाते की रिपोर्ट, हुबलाल का शपथपत्र, विक्रेताओं और गवाहों के शपथ पत्र, हुबलाल की पत्नी कमला देवी का बीपीएल कार्ड, हुबलाल की पैतृक संपत्ति के संबंध में राजस्व विभाग की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मजबूत पैरवी का असर फैसले में दिखा।

क्‍या बोली पुलिस 
डीजीपी नगर दीपक भूकर ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद से माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इतने कम समय 10 माह 17 दिन में कुर्क संपत्ति राज्य सरकार में निहित किए जाने का यह पहला मामला है।

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