जिस सीट पर होता था कभी कांग्रेस का दबदबा, 2017 में बीजेपी ने तोड़ दिए थे सारे रिकॉर्ड
राजधानी लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। फिर इसमें सपा का वर्चस्व कायम हुआ। इसके बाद बीएसपी ने भी अपने झण्डे गाड़े। भाजपा को पहली बार इस सीट पर 2017 के चुनाव में विजय...
राजधानी लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। फिर इसमें सपा का वर्चस्व कायम हुआ। इसके बाद बीएसपी ने भी अपने झण्डे गाड़े। भाजपा को पहली बार इस सीट पर 2017 के चुनाव में विजय मिली। अब बीजेपी इस विजय को बरकरार रख पाती है या नहीं, यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। फिलहाल चुनाव की घोषणा के साथ सभी धुरन्धर मौदान कूद पड़े हैं।
सरोजनी नगर विधान सभा सीट पर एक समय कांग्रेस के राजा विजय कुमार त्रिपाठी की मानी जाती थी। छह बार इस सीट से कांग्रेस जीती है। उनके साथ साथ सपा भी इस सीट पर अपनी कामयाबी के झण्डे गाड़े। बीएसपी भी इस सीट पर हाबी रही है। दो बार उनके प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। वर्ष 2002 के चुनाव में इस सीट से बीएसपी के इरशाद खान ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा के श्याम किशोर यादव को हराया था। इसके बाद 2007 के चुनाव में एक बार फिर बीएसपी के मोहम्मद इरशाद खान ने बाजी मारी। 2012 के चुनाव में एक बार फिर सपा ने इस सीट पर वापसी की।
सपा प्रत्याशी ने शारदा प्रताप शुक्ला ने बहुजन समाजपार्टी के शिव शंकर सिंह शंकरी को परास्त कर जीत दर्ज की। वर्ष 2017 के चुनाव में पहली बार यहां से बीजेपी का खाता खुला। पार्टी ने महिला उम्मीदवार स्वाति सिंह पर दांव लगाया। स्वाति ने इस सीट पर सपा के अनुराग यादव को हराकर विजय हांसिल की और विधाांन सभा से मंत्री की कुर्सी तक पहुंची। स्वाति सिंह को यहां 1,08,506 वोट मिले थे। जबकि सपा के अनुराग यादव को 74,327 वोट मिले थे। बसपा के शिव शंकर सिंह शंकरी को 71,791 वोट मिले थे।
विधान सभा का इतिहास
इस विधान सभा सीट से अब तक कांग्रेस छह बार जीत चुकी है। सपा को तीन बार विजय मिली है। बसपा ने दो बार जीत हांसिल की है। जनता पार्टी, व जनता दल को एक एक बार विजय मिली है। एक बार निर्दलीय ने भी जीत दर्ज की है। 1991 की राम लहर में भी इस सीट पर बीजेपी को तीसरा स्थान मिला था। 1985 के चुनाव को छोड़कर इस सीट पर कभी भी छोटे दलों व निर्दलीयों का असर नहीं रहा। सपा के श्याम किशोर यादव पहली बार इस सीट से 1993 में जीते थे। पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने 1985 में इस सीट से निर्दलीय जीत दर्ज की थी। वह 1989 में जनता दल के टिकट पर जीते थे। जनता पार्टी से 1977 में छेदा सिंह ने विजय हांसिल की थी।
मतदाताओं की स्थिति
विधान सभा का नाम पुरुष मतदाता महिला थर्ड जेंडर कुल मतदाता
170 सरोजनी नगर 299811 257541 24 557376
जातिगत आंकड़ा(नेताओं के मुताबिक)
दलित मतदाता लगभग 80 हजार
क्षत्रिय मतदाता लगभग 65 हजार
ब्राहमण मतदाता लगभग 60 हजार
यादव मतदाता लगभग 45 हजार
यह हैं प्रमुख इलाके
एलडीए कालोनी कानपुर रोड, हिन्दनगर, विजय नगर, सरोजनीनगर, गौरी, अमौसी, तबोवन नगर, चिल्लावां, बाग नम्बर तीन, चुंगी, पराग, बिजनौर, शारदानगर व शारदानगर विस्तार, दरोगा खेड़ा व अन्य।
2017 विधान सभा चुनाव का परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी मिले वोट
स्वाति सिंह बीजेपी 108506
अनुराग यादव सपा 74327
शिव शंकर सिंह शंकरी बीएसपी 71791
यह हैं प्रमुख समस्याएं
जल भराव, सड़कों की बदहाली, औद्योगिक इकाईयों का बंद होना, 70 प्रतिशत क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं। पाइप लाइन से पेयजल की सुविधा भी नहीं। विद्युतीकरण तथा अतिक्रमण व कूड़ा प्रबंधन यहां की प्रमुख समस्या है।