लखनऊ : धरने पर बैठे शिक्षामित्रों पर पुलिस ने लाठी फटकार कर भगाया
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के आलमबाग के इको गार्डन में शांतिपूर्वक धरने पर बैठे शिक्षामित्रों को बुधवार की सुबह पुलिस ने लाठी डण्डे फटकार कर खदेड़ दिया। प्रशासन ने धरने की अनुमति न होने की बात कहकर सभी को...
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के आलमबाग के इको गार्डन में शांतिपूर्वक धरने पर बैठे शिक्षामित्रों को बुधवार की सुबह पुलिस ने लाठी डण्डे फटकार कर खदेड़ दिया। प्रशासन ने धरने की अनुमति न होने की बात कहकर सभी को मैदान के बाहर कर दिया। साथ ही बारिश में लगाए टेंट और उनकी पॉलीथीन को पुलिस ने जब्त कर लिया। उनकी मांगों पर सरकार द्वारा कोई विचार न किए जाने से खफा महिला एवं पुरुष शिक्षामित्रों ने कुछ दिन पहले सिर मुड़वा कर विरोध दर्ज कराया था। हालांकि करीब दो घंटे बाद ये शिक्षामित्र फिर से धरना स्थल पर बैठ गए। सरकार की कार्य प्रणाली से उपेक्षित शिक्षामित्रों ने खासी नाराजगी जतायी।
आम शिक्षा/शिक्षामित्र एसोसिएशन की अध्यक्ष उमादेवी व उपाध्यक्ष रमेश यादव की अगुवाई में शिक्षामित्र पूर्ण शिक्षक का दर्जा देने समेत पांच सूत्री मांग को लेकर दो महीने से ज्यादा समय से इको गार्डन में धरना दे रहे हैं। शिक्षामित्रों का आरोप है कि बुधवार की सुबह एससीएम तृतीय बृजेन्द्र कुमार भारी पुलिस बल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। शिक्षामित्रों को धरना स्थगित कर यहां से जाने को कहा। शिक्षामित्रों ने विरोध किया तो उल्टा पुलिस ने उन्हें लाठी डण्डे दिखाकर जबरन खदेड़ दिया। पुलिस की इस कार्यशाली से खफा शिक्षामित्रों ने विरोध भी किया लेकिन भारी पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। पुलिस ने स्थान खाली करा दिया। पुलिस ने शिक्षामित्रों को यह कहकर खदेड़ दिया कि उनके पास धरने की प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं है। हालांकि कुछ देर बाद शिक्षामित्रों ने फिर धरना स्थल पर बैठकर अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद की। शिक्षामित्रों का कहना है कि वे 18 वर्षों से पढ़ा रहे हैं। सरकार उनके साथ उपेक्षा का बर्ताव न करे। यदि सरकार चाहे तो वह अध्यादेश लाकर या किसी अन्य तरीके से उनके मान-सम्मान की रक्षा कर सकती है।