झटका! पीजीआई में इलाज कराना हो जाएगा महंगा, 50 प्रतिशत बढ़ी दवा और इन चीजों की कीमत
पीजीआई में भर्ती मरीजों को अब अधिक शुल्क देना होगा। रुई, पट्टी, गलब्स, निडिल, सलाइन वाटर समेत ऑपरेशन, डायलिसिस में जरूरी दवाएं और सर्जिकल उत्पादों के दाम में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।
लखनऊ। पीजीआई में भर्ती मरीजों को अब अधिक शुल्क देना होगा। रुई, पट्टी, गलब्स, निडिल, सलाइन वाटर समेत ऑपरेशन, डायलिसिस में जरूरी दवाएं और सर्जिकल उत्पादों के दाम में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। पीजीआई ने संस्थान की गर्वनिंग बॉडी की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया है। इससे मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ेगा। संस्थान ने इनके दाम 15 साल बाद बढ़ाए हैं।
पीजीआई में एक हजार बेड पर मरीजों को इलाज मिल रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव अग्रवाल ने कहा कि अधिक प्रयोग होने वाली रुई, पट्टी, सिरिंज, सुई आदि के दामों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि लगभग एक महीने पहले कहा गया था कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, केजीएमयू या संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, एसजीपीजीआईएमएस जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में आने वाले मरीजों को जल्द ही दवाओं की एक सामूहिक सूची बनने और उसी की आपूर्ति शुरू होने के बाद आसानी से और अच्छी छूट पर दवाएं मिलेंगी।
कहा गया था कि एक दर अनुबंध सूची तैयार हो रही है और अस्पताल परिक्रामी निधि (एचआरएफ) के तहत नए स्टोर आ रहे हैं। इससे निश्चित तौर पर मरीजों को आसानी से उपलब्ध होने वाली दवाएं मिलेंगी। ऐसी व्यवस्था में कोई भी सहभागी संस्थान दवा खरीद सकता है और प्रणाली में एक से अधिक संस्थान होने पर दवाएं सबसे सस्ती दरों पर खरीदी जाएंगी।
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डायलिसिस अब दो हजार में
संस्थान में अभी तक जो डायलिसिस में 1700 रुपये में होती थी। अब वह दो हजार रुपये में होगी। मरीजों को प्रति डायलिसिस तीन सौ रुपये अतिरिक्त देना होगा।