लखनऊ पीजीआई के मरीजों को मिलेगी राहत, जानिए दूसरे रोबोट से कब शुरू होगा ऑपरेशन
रोबोट से सटीक और सुरक्षित ऑपरेशन से पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ गई है। 100 से ज्यादा मरीज प्रतीक्षा सूची में हैं। शासन की मंजूरी मिलने के बाद संस्थान प्रशासन ने दूसरे रोबोट की खरीदारी की...
रोबोट से सटीक और सुरक्षित ऑपरेशन से पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ गई है। 100 से ज्यादा मरीज प्रतीक्षा सूची में हैं। शासन की मंजूरी मिलने के बाद संस्थान प्रशासन ने दूसरे रोबोट की खरीदारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। मई में दूसरे रोबोट से ऑपरेशन शुरू होंगे। संस्थान परिसर स्थित लाइब्रेरी के पास ऑपरेशन थियेटर बनकर तैयार है। पीडियाट्रिक सर्जरी समेत दूसरे विभाग के ऑपरेशन रोबोट से होंगे। हॉल में पांच डॉक्टर कोच्चि से प्रशिक्षण ले चुके हैं।
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि संस्थान में रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ गई है। एक रोबोट से ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। मरीजों के दबाव बढ़ने पर दूसरा रोबोट खरीदने की कार्रवाई शुरू हो गई है। मई में दूसरा आ जायेगा।
हॉल में इन्होंने लिया प्रशिक्षण
डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि हाल में छह डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण केरल के कोच्चि से लिये हैं। इनमें पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. बसंत कुमार व डॉ. अंकुर मंडेलिया, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. राजन सक्सेना डॉ. आशीष कुमार इसके अलावा इंडो क्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. ज्ञान चन्द प्रशिक्षण ले चुके हैं। डॉ. ज्ञान पीजीआई के पहले डॉक्टर हैं जो यूपी में पहली बार कोरिया से रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण ले चुके हैं लेकिन उन्हें अभी तक ऑपरेशन का मौका नहीं मिला है।
100 मरीज प्रतीक्षा सूची में
संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि 100 से ज्यादा मरीज रोबोटिक सर्जरी के इंतजार में हैं। इनमें दिल, थायराइड ट्यूमर, पेट के ट्यूमर, गाँठ, प्रोस्टेट, गुर्दा व गॉल ब्लैडर पथरी और गुर्दा प्रत्यारोपण शामिल है।
इन विभागों के ऑपरेशन हो रहे
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि गैस्ट्रो सर्जरी, सीवीटीएस, इंडोक्राइन सर्जरी, यूरोलॉजी विभाग के करीब 150 ऑपरेशन हो चुके हैं। अब पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के ऑपरेशन इसी माह से शुरू होंगे।