दबंग हत्यारोपी का साथ देने में नपे लखनऊ पीजीआई इंस्पेक्टर, हत्या को बता रहे थे हादसा
यूपी की राजधानी लखनऊ में दबंग हत्यारोपित का साथ देने में पीजीआई इंस्पेक्टर निलंबित कर दिया गया। वह हत्या को हादसा बताने लगे थे।
लखनऊ पीजीआई इलाके में अवैध स्टैण्ड संचालक चंदन मिश्रा ने अपने साथियों के साथ वसूली देने से मना करने वाले ड्राइवर सुभाष पाल की डंडो से पीट कर हत्या कर दी थी। इंस्पेक्टर देवेन्द्र विक्रम सिंह ने दबंग चंदन पर कार्रवाई करने की बजाये उसे बचाने में लग गये। इस मामले में गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज की और अफसरों को भी गुमराह किया। मंगलवार को इस सम्बन्ध में खबर छपने पर पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने इसका संज्ञान लिया।
पुलिस कमिश्नर के आदेश पर एडीसीपी पूर्वी सै. अली अब्बास ने जांच की तो यह आरोप सही पाये गये। एडीसीपी की रिपोर्ट पर ही पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर देवेन्द्र विक्रम सिंह को निलम्बित कर दिया। इस मामले में एसीपी कैंट की भूमिका को भी संदिग्ध बताया गया है। एसीपी व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इस जांच के बाद इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
हत्या को हादसा बताने में लगे रहे थे इंस्पेक्टर
बाराबंकी के लोनी कटरा निवासी ऑटो ड्राइवर सुभाष चंद्र पाल से स्टैण्ड संचालक चंदन मिश्रा वसूली मांगता था। सुभाष लगातार वसूली देने से मना करता रहा। इस पर ही रविवार रात को चंदन से अपने साथियों के साथ उसे घेर बेरहमी से मार डाला था। उसके सिर पर पत्थर से भी हमला किया था। इंस्पेक्टर देवेंद्र विक्रम सिंह ने इसे हत्या मानने से इनकार कर दिया और परिवारीजनों को यही समझाने में लगे रहे थे कि टेम्पो के शीशे पर किसी ने पत्थर फेंक दिया था। उससे ही उसकी मौत हुई है। उन्होंने मुकदमा भी हत्या का न लिखकर गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट लिखी थी। डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह ने बताया कि जांच में देवेन्द्र की भूमिका संदिग्ध मिली है। इस पर ही उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। उधर एक पुलिस अफसर ने बताया कि इस मामले में एसीपी कैंट की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
वसूली न देने वाले ड्राइवर पर ही एफआईआर हो गई
एक जून की रात सुभाष आटो लेकर घर जा रहा था। वसूली नहीं मिलने से बौखलाए चंदन मिश्रा ने सुभाष को रोक कर उसकी पिटाई कर दी थी। इसकी सूचना पर वहां पहुंची पीजीआई पुलिस ने उसके साथ मारपीट की थी। विरोध करते हुए सुभाष भी चंदन से भिड़ गया था। झगड़े की सूचना मिलने पर पहुंची पीजीआई पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए चंदन मिश्रा की तहरीर लेकर सुभाष के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। तब वहां के इंस्पेक्टर धर्मपाल सिंह थे। सुभाष के भाई रवि प्रताप पाल के मुताबिक जमानत पर छूटने के बाद चंदन मिश्रा ने दोबारा से धमकी दी थी। उसने कहा था कि पीजीआई में आटो चलाना है तो मुझे रुपये देने ही पड़ेगें। यह बात सुभाष ने भाई रवि को भी बताई थी।
मोबाइल बंद कर भागा आरोपी, तीन टीमें तलाश में लगी
कार्यवाहक इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया कि चंदन मिश्रा की तलाश में दबिश दी जा रही है। उसका मोबाइल फोन घटना के बाद से ही बंद है। घर पर भी छापा मारा गया है। जहां से चंदन के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि चंदन के साथ स्टैण्ड संचालन में शामिल रहे अन्य लोगों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।