रिमोट सेंसिंग से लखनऊ की सड़कों के खोखलापन की जांच, इन इलाकों को यूरोपीय लुक मिलेगा
लखनऊ की सात सड़कों को यूरोपीय देशों की तरह स्मार्ट बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए सड़कों की सेहत ध्वनि तरंगों से पता की जा रही है। नगर निगम रिमोट सेंसिंग की मदद से सर्वेक्षण करवा रहा है
ना तारों का जाल, न ही रोड कटिंग के निशान। शहर की सभी प्रमुख सड़कें संवारी जाएंगी। दोनों ओर ट्रेंच बनाकर पानी और सीवर की लाइनें बिछाई जाएंगी। बिजली और ब्रॉडबैंड केबल भी अलग से बनाए गए डक्ट में सड़क किनारे नीचे की ओर छिपा रहेगा। किनारे हरियाली और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पार्किंग की जगह। चुनाव के बाद इस ‘सीएम ग्रिड’ योजना पर कार्य शुरू हो जाएगा। इस कार्य की शुरुआत हो चुकी थी, इसी बीच आचार संहिता लागू हो गई।
सीएम ग्रिड के तहत कालीदास मार्ग से 12 किलोमीटर के दायरे में यह विकास होगा। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि सभी यूटिलिटी जैसे सीवर, पानी, बिजली, टेलीकॉम से संबंधित लाइनें सड़क किनारे होंगी। ऊपर पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनेगा। इससे लाइनों की मरम्मत के लिए सड़क काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही ट्रांसफॉर्मर एलिवेटेड यानी सड़क किनारे ऊंचाई पर लगाए जाएंगे। ऐसे में देखने में ये खराब नहीं लगेंगे। साथ ही रास्ते में रुकावट भी नहीं बनेंगे। सड़क के दोनों ओर यूटिलिटी के लिए ट्रेंच बनेगी।
रिमोट सेंसिंग की मदद से किया जा रहा है सर्वेक्षण
सड़क भीतर से खोखली तो नहीं, इसके लिए रिमोट सेंसिंग विभाग की मदद से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इस सर्वेक्षण में ध्वनि तरंगों की मदद से सड़क के नीचे की स्थिति पता की जा रही है। ताकि कार्य शुरू होने के बाद कोई दिक्कत न आए।
इन सड़कों की बदलेगी सूरत
- कालीदास चौक से अटल चौक, सिविल अस्पताल होते हुए डीएसओ चौराहा और आगे चिड़ियाघर तक
- लखनऊ विश्वविद्यालय से हनुमान सेतु मंदिर तक, आगे कालाकाकर रोड तक
- गोयल मार्केट मंदिर मार्ग से अल्कापुरी, छन्नी लाल चौराहा होते हुए कपूरथला से आस्था अस्पताल तक
- भारतेंदु हरिश्चन्द्र वार्ड में पुरनिया अलीगंज, मामा चौराहे से सावित्री अपार्टमेंट और कुर्सी रोड पंप तक
- ताड़ीखाना डिवाइडर रोड से विंध्याचल मंदिर, आगे बाटी चोखा रेस्टोरेंट तक
- रजनीखंड पावर हाउस से सैनिक ढाबा तक जाने वाली पूरी सड़क