Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Lucknow: Mother hugs her baby and throws from 4th floor of hospital

Mother throws baby : मां ने बच्चे को गले से चिपकाया और फेंक दिया

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर मां ने तीन माह के बीमार बच्चे को मंगलवार सुबह चौथी मंजिल से फेंककर मार डाला। हैरानी की बात यह है कि दर्दनाक घटना को अंजाम देने के बाद मां ने बच्चे के गुम होने का नाटक रचा। बच्चा...

वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। Wed, 24 July 2019 08:43 AM
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केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर मां ने तीन माह के बीमार बच्चे को मंगलवार सुबह चौथी मंजिल से फेंककर मार डाला। हैरानी की बात यह है कि दर्दनाक घटना को अंजाम देने के बाद मां ने बच्चे के गुम होने का नाटक रचा। बच्चा चोरी होने की बात कहते हुए ट्रॉमा सेंटर में चीखने-चिल्लाने लगी। केजीएमयू के अफसर मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे तक डॉक्टर कर्मचारी बच्चे की तलाश में भटकते रहे। बाद में महिला ने बच्चे को नीचे फेंकने की बात कुबूल की। पहले तो लोगों को उसकी बात पर यकीन ही नहीं हुआ। जब लोग भाग कर नीचे पहुंचे तो खून से लथपथ हाल में बच्चे को देखा। उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने महिला को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

बच्चे को गले से चिपकाया और फेंक दिया
मंगलवार सुबह करीब चार बजे शांति उठी। एनआईसीयू में भर्ती बच्चे को दूध पिलाने के बहाने बाहर लाई। उस वक्त गैलरी में सब लोग सो रहे थे। करीब आधे घंटे वह बच्चे को लेकर गैलरी में टहल रही थी। बीच-बीच में बच्चा रो रहा था। एक महिला तीमारदार की आंख खुली। उसने फीडिंग रूम में जाकर बच्चे को दूध पिलाने की सलाह दी। इसके बावजूद वह गैलरी में टहलती रही। बच्चे को छाती से चिपकाया। उसके बाद खिड़की से उसे नीचे फेंक दिया। करीब साढ़े पांच बजे वह बाथरूम से बाहर निकली। तेजी से रोने लगी। गैलरी में हंगामा शुरू कर दिया।

सीसीटीवी फुटेज किया सुपुर्द
पुलिस ने गैलरी में लगे सीसीटीवी की फुटेज केजीएमयू प्रशासन से मांगी। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक पुलिस को फुटेज उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एनआईसीयू में डॉ. माला कुमार और डॉ. शालिनी त्रिपाठी के निर्देशन में इलाज चल रहा था। इलास से शिशु की तबीयत में सुधार था। वह स्तनपान करने लगा था।

जन्मजात बीमारी की चपेट में था मासूम
कुशीनगर स्थित थुरिया गांव निवासी शांति देवी के तीन माह का बच्चा था। प्री मेच्योर होने के कारण बच्चे का वजन करीब साढ़े सात से ग्राम था। उसे जन्म से कई बीमारियां थीं। लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा था। पाचन क्षमता कमजोर थीं। पहले तो परिवारीजनों ने उसे गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इलाज के बावजूद बच्चे की सेहत में सुधार नहीं हो रहा था। नतीजतन डॉक्टरों ने बच्चे को केजीएमयू रेफर कर दिया। परिवारीजन उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। 23 मई को एनआईसीयू में बच्चे को भर्ती किया गया। तब से बच्चे का इलाज चल रहा था।

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