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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Lucknow High Court reversed its five-year-old decision saying - DRDA is the only part of the state possible appointment from the deceased dependent quota

डीआरडीए राज्य का ही अंग, मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति सम्भव, अपने पांच साल पुराने फैसले को हाईकोर्ट ने पलटा

अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) को राज्य सरकार का ही एक अंग माना है। न्यायालय ने विभिन्न शासनादेशों पर विचार करने के उपरांत पांच साल पुराने...

Dinesh Rathour विधि संवाददाता, लखनऊSat, 8 May 2021 03:43 PM
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अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) को राज्य सरकार का ही एक अंग माना है। न्यायालय ने विभिन्न शासनादेशों पर विचार करने के उपरांत पांच साल पुराने एक फैसले को पलटते हुए स्पष्ट किया है कि डीआरडीए के कर्मचारी भी राज्य सरकार के कर्मचारी हैं लिहाजा उनके आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली का लाभ दिया जा सकता है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति सीडी सिंह और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पूर्ण पीठ ने कुमारी कल्याणी मेहरोत्रा की याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने इसके साथ ही हाईकोर्ट की एक डिविजन बेंच के उस निर्णय को रद कर दिया जिसमें डीआरडीए के कर्मचारियों पर मृतक आश्रित नियमावली के लागू न होने की बात कही गई थी। दरअसल सभी डीआरडीए को सोसायटी के तौर पर सोसायटी रजिश्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत कराया गया है। इसीलिए इसके कर्मचारियों पर मृतक आश्रित नियमावली लागू नहीं होती थी। हालांकि न्यायालय ने पाया कि सभी जनपदों के डीआरडीए के बॉयलॉज एक समान हैं व राज्य सरकार ही इसकी नीति व दिशानिर्देश जारी करने के लिए अधिकृत है।

न्यायालय ने यह भी पाया कि 17 मार्च 1994 के एक शासनादेश में यह प्रावधान स्पष्ट तौर पर किया गया है कि जिला ग्राम्य विकास अभिकरणों में नियुक्त व्यक्ति ऐसे नियम, विनियम व आदेश से नियंत्रित होंगे जो सेवारत सरकारी कर्मचारियों पर सामन्यतः लागू होते हैं। न्यायालय ने अपने निर्णय में 18 जुलाई 2016 के उस महत्वपूर्ण शासनादेश का भी बार-बार उल्लेख किया है जिसके जरिये राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के तहत सभी डीआरडीए कर्मचारियों को समाहित कर लिया गया। मामले के सभी पहलुओं पर सुनवाई करने के उपरांत न्यायालय ने पारित अपने विस्तृत निर्णय में कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत डीआरडीए भी राज्य है। लिहाजा इसके कर्मचारियों पर अन्य सरकारी कर्मचारियों के भांति मृतक आश्रित नियमावली लागू होगी।  

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