Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Lucknow Development authority will seize benami properties notice will be given to defaulter allottees

बेनामी संपत्तियां जब्त करेंगे विकास प्राधिकरण, डिफाल्टर आवंटियों को दिया जाएगा नोटिस

लखनऊ विकास प्राधिकरणों में सालों से खाली पड़ी बेनामी संपत्तियां जब्त की जाएंगी। ऐसी संपत्तियों की पहचान के लिए सालों-साल से पैसा जमा न करने वाले आवंटियों को नोटिस देकर सभी जरूरी कागजात मांगे जाएंगे।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, लखनऊSun, 6 Nov 2022 10:06 AM
share Share

लखनऊ विकास प्राधिकरणों में सालों से खाली पड़ी बेनामी संपत्तियां जब्त की जाएंगी। ऐसी संपत्तियों की पहचान के लिए सालों-साल से पैसा जमा न करने वाले आवंटियों को नोटिस देकर सभी जरूरी कागजात मांगे जाएंगे। वाजिब कारण न बता पाने और जरूरी कागजात पेश न कर पाने वालों के खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

संपत्ति दबाने का है लंबा खेल
विकास प्राधिकरण की योजनाओं में संपत्तियों को दबाने का लंबा खेल चलता है। विकास प्राधिकरण के चुनिंदा कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से दलाल मनपसंद वाली संपत्तियों को छदम नाम से मामूली राशि देकर जुगाड़ के सहारे आवंटित करा लेते हैं। इसके चलते ऐसी संपत्तियों की पूरी कीमत सालों-साल तक जमा नहीं की जाती हैं। इसके चलते विकास प्राधिकरणों का पैसा फंसा रहता है और संपत्ति को दूसरे के नाम पर बेची भी नहीं जा सकती है। ऐसी संपत्तियों को कीमत बढ़ने और खरीददार के मिलने के बाद बेच दिया जाता है। इससे होने वाली कमाई का आपस में मिलकर सभी बांट लेते हैं।

ओटीएस में भी जमा नहीं होता पैसा
आवास विभाग सालों से पैसा जमा न करने वाले आवंटियों को डिफाल्टर मान लेता है। ऐसे आवंटियों से पैसा जमा कराने के लिए एक मुश्त समाधान योजना भी समय-समय पर लाया जाता है, लेकिन मजबूरी और किन्हीं कारणों से पैसा जमा न कर पाने वाले ओटीएस का लाभ लेकर पैसा जमा कर देते हैं, लेकिन बेनामी संपत्तियां लेने वाले पैसा नहीं जमा करते हैं। ऐसी संपत्तियों को बचाए रखने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण के कुछ चुनिंद कर्मचारियों या अधिकारियों की होती है। उच्च स्तर पर हुई बैठक में विकास प्राधिकरण की फसी संपत्तियों के बारे में चर्चा हुई थी। इसमें विचार-विमर्श के दौरान यह सहमति बनी है कि अभियान चलाकर बेनामी संपत्तियां चिह्नित करते हुए जब्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए।

सबसे अधिक डिफाल्टर बड़े शहरों में
विकास प्राधिकरण की योजनाओं में संपत्तियां लेकर छोड़ने वाले सबसे अधिक डिफाल्टर बड़े शहरों में हैं। गाजियाबाद 3200, आगरा, 3654, मेरठ 2033, कानपुर 1832, लखनऊ 2886, हापुड़-पिलखुआ 112 डिफाल्टर हैं। आवास विभाग के पास उपलब्ध आंकाड़ों के मुताबिक 30 हजार से अधिक डिफाल्टर मौजूदा समय विकास प्राधिकरणों में हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें