Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Lucknow : BJP MP Kaushal Kishore raised questions on treatment system in KGMU Hospital

लखनऊ : केजीएमयू के इलाज की व्यवस्था पर बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। अव्यवस्थाओं को लेकर...

Shivendra Singh वरिष्ठ संवाददाता, लखनऊTue, 27 April 2021 06:59 AM
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। पत्र में सांसद ने खुलासा किया है कि दोनों ही अस्पतालों में बेड खाली हैं। ऑक्सीजन की व्यवस्था भी है। इसके बावजूद मरीजों की भर्ती में आनाकानी की जा रही है। इसका खामियाजा बेकसूर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

भाजपा सांसद ने अपने पत्र में विशेष रुप से केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल का जिक्र किया है। उन्होंने केजीएमयू के रेस्पेरेटरी मेडिसिन समेत अन्य विभागों का जिक्र किया है। इन विभागों में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन युक्त बेड हैं। वेंटिलेटर की सुविधा है। बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। मरीज वेंटिलेटर के लिए एक से दूसरे अस्पताल में भटक रहे हैं। बिना ऑक्सीजन मरीज तड़प रहे हैं। हैरानी की बात है कि केजीएमयू में कई विभागों में न तो कोविड मरीजों को इलाज मिल रहा है और न ही दूसरी बीमारी से पीड़ितों को। बेड खाली पड़े हैं।

बहुत से ऐसे विभाग हैं कि जिनके बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने कोविड वार्ड में अब तक ड्यूटी भी नहीं की है। जबकि एक साल से ज्यादा कोरोना मरीजों का केजीएमयू में इलाज चल रहा है। इसी तरह बलरामपुर अस्पताल में वेंटिलेटर तो हैं लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में सांसद ने साफ कहा है कि यदि किसी अस्पताल के बाहर मरीज की मौत बिना इलाज होती है। अस्पताल में बेड छह घंटे से अधिक खाली रहता है तो जिम्मेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

कुलपति के अवकाश पर भी सवाल
सांसद ने केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के अवकाश पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनके अनुसार कुलपति पांच अप्रैल को कोरोना की गिरफ्त में आए। वह 17 तक अवकाश पर थे। ठीक होते ही आठ मई तक अवकाश पर चले गए।

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