लॉकडाउन में दवा के लिए खत्म हो गए पैसे, 150 रुपये में गिरवी रख दिया मोबाइल
लॉकडाउन में फंसे रिक्शा चालक ने अपनी दवा के लिए महज डेढ़ सौ रुपये में मोबाइल फोन गिरवी रख दिया। डीएम आन्जनेय कुमार सिंह को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने न केवल रिक्शा चालक को दवा दिलवाई, बल्कि...
लॉकडाउन में फंसे रिक्शा चालक ने अपनी दवा के लिए महज डेढ़ सौ रुपये में मोबाइल फोन गिरवी रख दिया। डीएम आन्जनेय कुमार सिंह को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने न केवल रिक्शा चालक को दवा दिलवाई, बल्कि मोबाइल फोन छुड़ाने के लिए 150 रुपये भी दिए। रिक्शा चालक ने गिरवी फोन छुड़ाने के बाद डीएम से राशन की मदद मांगी तो वह भी पहुंचवा दिया।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन ने लोगों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है। मजदूर तबके की दुश्वारियां लगातार बढ़ रही हैं। लॉकडाउन से आर्थिक संकट में आया रिक्शा चालक जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह को मिला। वह लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शहर के भ्रमण पर थे। उन्होंने शहर के ही एक रिक्शा चालक को लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पकड़ लिया। डीएम ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मेडिकल स्टोर से दवाई लेने के लिए आया है। इस पर डीएम ने कंट्रोल रूम के बारे में जानकारी दी। रिक्शा चालक ने कंट्रोल रूम के बारे में जानकारी न होने की बात कही। उसने डीएम के सामने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उसके पास एक मोबाइल फोन था जो मात्र डेढ़ सौ रुपए में गिरवी रखकर दवा लेकर आया है।
रिक्शा चालक की बात सुनकर डीएम ने नजदीक के मेडिकल स्टोर से ही एक महीने की दवा दिलवाई और डेढ़ सौ रुपये देते हुए उससे मोबाइल छुड़वाने और उसी मोबाइल नंबर से फोन करने को कहा। घर पहुंचकर रिक्शा चालक ने मोबाइल छुड़ाया और डीएम को फोन किया। उसने डीएम को मोबाइल वापस दिलाने के लिए धन्यवाद देने के साथ ही घर में राशन न होने की बात कही। जिस पर जिलाधिकारी ने उसके घर राशन भी भिजवाया।