लॉकडाउन : यूपी में पुलिस की मदद चाहिए तो इस नंबर पर करें व्हाट्सअप
उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 ने मदद के लिए अपना व्हाट्सअप नंबर भी जारी किया है। एडीजी 112 असीम अरुण ने कहा कि इस समय 112 पर दबाव अधिक है। इस कारण यदि लोग 7570000100 नंबर पर व्हाट्सअप के...
उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 ने मदद के लिए अपना व्हाट्सअप नंबर भी जारी किया है। एडीजी 112 असीम अरुण ने कहा कि इस समय 112 पर दबाव अधिक है। इस कारण यदि लोग 7570000100 नंबर पर व्हाट्सअप के जरिए मदद के लिए लिखकर भेजेंगे तो आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर पैदल यात्रा कर रहे या फंसे हुए लोगों के बारे में भी 112 को सूचित किया जा सकता है। ऐसे कई लोग हैं जो सड़कों या हाइवे पर हैं, उनकी मदद करने के लिए ज़रूरी है कि वे सूचित करें ताकि सरकार उनकी मदद कर सके। ऐसे लोग स्वयं फंसे हैं या किसी को फंसा देख रहे हैं तो 112 पर कॉल करके बताएं या व्हाट्सअप नंबर-7570000100 पर सूचना दें। एडीजी ने कहा कि लिखकर दी जाने वाली सूचना में यह जरूर बताएं कि उनका नाम व फोन नंबर क्या है? वे कहां फंसे हैं? कहां से आ रहे हैं और कहां जाना है।
स्थानान्तरित पुलिसकर्मी जहां हैं वहीं ड्यूटी करेंगे : डीजीपी
यूपी के डीजीपी एचसी अवस्थी ने स्थानान्तरण के बाद कार्यमुक्त होने के बाजवूद तैनाती वाले जिले में कार्यभार न संभाल पाने वाले पुलिसकर्मियों से उसी जिले में ड्यूटी करने का निर्देश दिया है, जहां वे मौजूदा समय में रह रहे हैं। तबादले के बाद अवकाश या अपने ज्वाइनिंग टाइम का उपभोग कर रहे वे पुलिसकर्मी लॉकडाउन के कारण तैनाती वाले जिलों में नहीं जा पा रहे थे।
डीजीपी ने सभी जोनल एडीजी, आईजी-डीआईजी रेंज और जिलों के पुलिस कप्तानों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे पुलिसकर्मी जो आकस्मिक या उपार्जित अवकाश पर थे अथवा जो स्थानान्तरण पर कार्यमुक्त होकर ज्वाइनिंग टाइम का उपभोग कर रहे थे, पूरे प्रदेश में लॉक डाउन के कारण आवागमन के साधन उपलब्ध न मिलने से नई नियुक्ति के जिले में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे पुलिसकर्मी अब जिले में हैं, वहीं ड्यूटी कर सकते हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों के जिले में आमद कराने पर संबंधित जनपदीय प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइंस द्वारा उनके तबादला संबंधी आदेशों का परीक्षण कर आगे की कार्रवाई करेंगे। ऐसे पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय पर रिजर्व के रूप में मौजूद रहेंगे और उनसे आवश्यकतानुसार राजकीय कार्य का सम्पादन कराया जाएगा। इन पुलिसकर्मियों के संबंध में कार्यवाही जिले की पुलिस लाइंस की जीडी में दर्ज की जाएगी। ऐसे पुलिसकर्मियों का पुलिस चिकित्सालय या जिला चिकित्सालय से स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा।