लॉकडाउन : छत्तीसगढ़ में यूपी के मजदूरों पर पूरा ध्यान, की गई विशेष व्यवस्था
छत्तीसगढ़ के जो श्रमिक लखनऊ में फंसे थे उनके लिए कबीरधाम जिले के डीएम ने संदेशा भेजकर जिला प्रशासन को जानकारी दी। कमिश्नर के निर्देश पर अलग अलग स्थानों पर रह रहे श्रमिकों को राशन मुहैया कराया गया। अब...
छत्तीसगढ़ के जो श्रमिक लखनऊ में फंसे थे उनके लिए कबीरधाम जिले के डीएम ने संदेशा भेजकर जिला प्रशासन को जानकारी दी। कमिश्नर के निर्देश पर अलग अलग स्थानों पर रह रहे श्रमिकों को राशन मुहैया कराया गया। अब कबीरधाम छत्तीसगढ़ प्रशासन ने वहां फंसे यूपी और खासतौर पर लखनऊ के श्रमिकों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
कबीरधाम के डीएम अवनीश शरण ने उनके लिए शिविर बनवाए हैं। जर्मन हैंगर तकनीक वाले इन शिविरों में रह रहे मजदूरों को बारिश गर्मी किसी भी मौसम में दिक्कत नहीं होगी। जो खुद बनाना चाहते हैं उनको राशन मुहैया कराया जा रहा है। इसके अलावा शेष परिवारों को खाना दिया जा रहा है। इन श्रमिकों और उनके परिवारों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी हो रहा है।
आटा क्या करेंगे साहब चावल हो तो भूख मिटे
सरकार हर संभव मदद पहुंचा रही है लेकिन जरूरमंदों का अलग संकट है। दूसरे राज्यों से आकर यहां फंसे मजदूरों का खान-पान अलग है। जब चिनहट के तिवारीपुर में रह रहे छत्तीसगढ़ के 60 से अधिक मजदूरों को स्वंय सेवी संस्था ने आटा दिया तो उनके चेहरे उतर गए। पूछा गया कि दिक्कत क्या है तो बताया कि वे लोग खाने में चावल ही खाते है। आटा ज्यादा देने से कोई फायदा नहीं। अब कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने इन मजदूरों के लिए राशन भिजवाया है जिसमें चावल ज्यादा और आटा कम है।
इस स्थान पर शिव कुमार कोसले, हेमंत समेत कई परिवार साथ रह रहे हैं। लॉकडाउन की शुरुआत में मजदूरों के लिए दो दिन जब बसें चलनी शुरू हुई थीं तो इन लोगों ने भी घर जाने की कोशिश की थी। सिर पर गठरियां रखे जब छह किलोमीटर पैदल चलकर कमता स्थित अवध डिपो पहुंचे तो पता चला कि दूसरे राज्य जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। आखिकरकार वापस आ गए। गुरुवार को सदर तहसील से लेखपाल जितेन्द्र प्रसाद ने उनको राशन ले जा कर दिया।