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विधायक नहीं ला सकेंगे मोबाइल, झंडे बैनर लाने पर लगेगी रोक, सदन में पेश हुई विधानसभा की नई नियमावली

विधानसभा की नई नियमावली में प्रावधान किया गया है कि कोई मंत्री अल्प सूचना पर जवाब देने की स्थिति में न हो तो विधानसभा सचिवालय को इसकी जानकारी देते हुए इसका संक्षिप्त कारण भी बताना होगा।

Dinesh Rathour विशेष संवाददाता, लखनऊ।Mon, 7 Aug 2023 07:43 PM
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विधानसभा की नई नियमावली में प्रावधान किया गया है कि कोई मंत्री अल्प सूचना पर जवाब देने की स्थिति में न हो तो विधानसभा सचिवालय को इसकी जानकारी देते हुए इसका संक्षिप्त कारण भी बताना होगा। यह भी तय हुआ है कि सदस्य अध्यक्ष आसन की ओर नहीं जाएंगे। सभा में झंडे, प्रतीक व अन्य कोई वस्तु का प्रदर्शन नहीं करेंगे। सदन में कोई सदस्य मोबाइल फोन लेकर नहीं आएगा।

विधानसभा की 1962 की बनी विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली का स्थान लेने के लिए नई नियमावली सोमवार को सदन में पेश की गई। इसमें कई संशोधन किए गए हैं। इसी में अल्पसूचना से संबंधित नियम में बदलाव कर तय किया गया है कि मंत्री जवाब न देने का कारण भी बताए। विपक्ष के हंगामें को देखते हुए नए नियम बनाए गए हैं ताकि सदस्यों के वेल में आने पर रोक लगे। इसलिए नियम बनाया गया है कि सदस्य अपने स्वयं के स्थान पर ही खड़े होकर बोलेंगे। अमुमन राज्यपाल के अभिभाषण या  सदन शुरू होते वक्त सदन में विपक्षी दल झंडे बैनर लेकर आते हैं और वेल में आते हैं। अब इसे रोकने के लिए नए नियम बनाए गए हैं।  कहा गया कि  सभा में ऐसे साहित्य,  प्रश्नावली, पुस्तिकाओं व प्रेस  टिप्पणियों  या पर्चे का वितरण नहीं करेंगे जो सभा के कार्य  से संबंधित न हो।

  • सदस्य सभा में मोबाइल फोन नहीं लाएंगे
  • लाबी में इतनी जोर से बात नहीं करेंगे या हसेंगे जो सभा में सुनाई दे
  • सभा में किसी दस्तावेज को नहीं फाड़ेंगे
  • सभा में ध्रूमपान नहीं करेंगे
  • सभा न शस्त्र लाएंगे न प्रदर्शित करेंगे 
  • अध्यक्ष पीठ की ओर पीठ करके न तो बैठेंगे न ही खड़े होंगे
  • भाषण करते वक्त दीर्घा में किसी अजनबी की प्रशंसा घोष नहीं करेंगे
  • सदस्य  प्रभाव डालने के लिए राज्यपाल के नाम का उपयोग नहीं करेंगे
  • किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लेंगे

यह भी हुआ  बदलाव 

यह भी तय हुआ कि विधानसभा के किसी अधिवेशन की सूचना इसके आरंभ होने के सात  दिन पूर्व शासन द्वारा दी जाएगी। पहले यह समय 15 दिन का रखा गया था। ध्यानाकर्षण से संबंधित सूचना का उत्तर शासन द्वारा अधिकतम 30 दिन के अंदर संबंधित सदस्य एवं विधानसभा सचिवालय को भेजा जाएगा। 

लोक महत्व के कार्यस्थगन के मामलों में ऐसा प्रश्न नहीं उठाया जा सकेगा जो संविधान या इस नियमावली के अंतर्गत प्रमुख को लिखित सूचना देकर न लाया  गया हो। विशेषाधिकार उल्लंघन के मामले में अध्यक्ष भर्त्सना व जुर्माना लगाने के लिए अधिकृत होगा। अब कोई संकल्प 7 दिन पहले सूचना देने पर लाया  सकेगा। 

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