विश्व रिकॉर्ड की दौड़ में शामिल होगी कुशीनगर की 95 रुपए की पीपीई किट
कोरोना से जंग में कुशीनगर की रंगोली टेक्सटाइल मील का पत्थर साबित होने जा रही है। रेडीमेड कपड़ा बनाने वाली कंपनी ने देश में सबसे सस्ता पीपीई किट तैयार किया है। इसकी कम कीमत के कारण शासन इसे गिनीज बुक...
कोरोना से जंग में कुशीनगर की रंगोली टेक्सटाइल मील का पत्थर साबित होने जा रही है। रेडीमेड कपड़ा बनाने वाली कंपनी ने देश में सबसे सस्ता पीपीई किट तैयार किया है। इसकी कम कीमत के कारण शासन इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में नामित करने की सिफारिश कर सकता है।
शासन से यह सिफारिश प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों का समन्वय करने वाली संस्था यूपी इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. मुथुकुमार सामी बी ने हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि कुशीनगर स्थित रंगोली टेक्सटाइल्स सूबे में सबसे सस्ता पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वेपमेंट) किट का निर्माण कर रही है। इसकी कीमत महज 95 रुपए है। इसका उपयोग कोविड महामारी में किया भी जा चुका है।
टीम ने किया निरीक्षण
यूपी इन वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पत्र के बाद हथकरघा उद्योग विभाग हरकत में आ गया। विभाग की चार सदस्यीय टीम ने एक सप्ताह पूर्व कुशीनगर का दौरा किया था। टीम ने रंगोली टेक्सटाइल के फैक्ट्री का निरीक्षण किया। इस दौरान रंगोली टेक्सटाइल के निदेशक मधु अग्रवाल और सुभाष अग्रवाल मौजूद रहे।
नॉन वुवेन फैबरिक से तैयार है किट
देश में मार्च में कोरोना ने दस्तक दी। संक्रमण का प्रसार बढ़ने पर मरीजों के इलाज में बड़ी संख्या में डॉक्टरों को पीपीई किट की दरकार थी। उन दिनों पीपीई किट चीन से आयात होते थे। देश की कुछ बड़ी कंपनियां पीपीई किट बनाती थी। उनकी कीमत डेढ़ हजार से ढाई हजार रुपए के बीच में थी। ऐसे में अप्रैल में कुशीनगर की रंगोली टेक्सटाइल ने 95 रुपए में पीपीई किट तैयार कर अधिकारियों को हैरान कर दिया। यह पीपीई किट नॉन वुवेन फैबरिक से तैयार किया गया है।
एक लाख किट की कर चुके हैं आपूर्ति
रंगोली टेक्सटाइल के निदेशक अंकित अग्रवाल ने बताया कि किट की गुणवत्ता बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने एप्रूव किया। इस किट को लेकर डॉक्टरों के सकारात्मक फीडबैक रहे। इसके बाद कंपनी ने इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया। अब तक 19 राज्यों में एक लाख किट की आपूर्ति की जा चुकी है।
नो प्रॉफिट-नो लॉस पर किया कार्य
कंपनी के निदेशक सुभाष अग्रवाल ने बताया कि कोरोना से जंग में डॉक्टरों के लिए अहम हथियार पीपीई किट बना। ओपीडी से लेकर वार्ड में इसकी जरूरत पड़ रही थी। सामान्य वार्ड से लेकर कोरोना वार्ड में डॉक्टर इसका प्रयोग करते। इसकी पर्याप्त मात्रा में देश में आपूर्ति नहीं हो रही थी। ऐसे में बगैर मुनाफा कमाए देशहित में इसे निर्मित किया गया।