Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Kinjal Singh IAS files police complaint against Gonda YouTube Usman Saifi for objectionable false video

यू-ट्यूबर उस्मान सैफी पर आईएएस किंजल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया, भ्रामक वीडियो बनाने का आरोप

उत्तर प्रदेश की चर्चित आईएएस अफसर किंजल सिंह ने गोंडा के यू-ट्यूबर उस्मान सैफी पर लखनऊ पुलिस के सामने मुकदमा दर्ज कराया है। किंजल सिंह ने यू-ट्यूबर पर भ्रामक वीडियो बनाने का आरोप लगाया है।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 2 July 2024 08:22 PM
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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की उत्तर प्रदेश काडर की अफसर और यूपी की मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने गोंडा के यू-ट्यूबर उस्मान सैफी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। किंजल ने यू-ट्यूबर पर अपने दिवंगत माता-पिता के बारे में गलत वीडियो बनाने का आरोप लगाया है। आईएएस अफसर ने यू-ट्यूब चैनल संचालक पर गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। किंजल का आरेाप है कि चैनल संचालक ने उनके स्वर्गवासी माता-पिता के बारे में आपत्तिजनक और गलत सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित की है।

गोमतीनगर पुलिस शिकायत की जांच कर रही है। आईएएस अफसर ने अपनी शिकायत में कहा है कि गोंडा के उस्मान सैफी उर्फ उस्मान अली ने अपने यू-ट्यूब चैनल उस्मान सैफी सफर पर 20 जून को उनके दिवंगत माता- पिता से जुड़ा एक वीडियो प्रसारित किया है, जो भ्रामक है। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाने और चरित्र हनन के लिए यह वीडियो जारी किया गया है। यू-ट्यूबर सैफी ने किंजल के परिवार के किसी भी सदस्य से इस वीडियो को बनाने की सहमति नहीं ली।

सैफी ने 20 जून को किंजल सिंह के पिता कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी सिंह की हत्या के बारे में एक वीडियो बनाया है। केपी सिंह यूपी पुलिस के डीएसपी थे और 1982 में गोंडा में उनके अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों ने ही एक फर्जी मुठभेड़ की साजिश रचकर उनकी हत्या कर दी थी। इस फर्जी मुठभेड़ में केपी सिंह समेत 13 लोगों की हत्या हुई थी। पुलिस ने इसे डकैतों के साथ एनकाउंटर में डीएसपी केपी सिंह की शहादत के तौर पर पेश किया और बताया था कि मारे गए बाकी 12 लोग डकैत थे। 

केपी सिंह की पत्नी विभा सिंह ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के आदेश पर मुठभेड़ की सीबीआई ने जांच की तो पुलिस की फर्जी कहानी खुल गई। जांच में पता चला कि सब इंस्पेक्टर आरबी सरोज ने साजिश रचकर केपी सिंह की हत्या कर दी और डकैतों के साथ मुठभेड़ दिखाने के लिए 12 निर्दोष लोगों को मार डाला। केपी सिंह को अपराधियों के जमा होने की फर्जी सूचना दी गई थी जिसके बाद वो पुलिस टीम के साथ मौके पर गए थे और आरपी सरोज के ट्रैप में फंस गए।

2013 में सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में तीन पुलिस वालों को मौत की सजा सुनाई जबकि पांच को उम्रकैद की सजा दी। बाकी आरोपी ट्रायल के दौरान गुजर गए थे। 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलटते हुए मुठभेड़ को सही बताया और दोषी ठहराए गए पुलिस अधिकारियों को बरी कर दिया। केस सुप्रीम कोर्ट में है या नहीं या किस स्टेज पर है, ये जानने के लिए किंजल सिंह से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी है। किंजल सिंह से बात होती तो ये भी साफ हो पाता कि सैफी के वीडियो सुनाई गई कहानी में क्या गड़बड़ी है।

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