Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Khushi Dubey is inside the jail Even after a week of bail from the Supreme Court where is the matter stuck

सुप्रीम कोर्ट से जमानत के एक हफ्ते बाद भी खुशी दुबे जेल के अंदर, कहां फंसा है मामला? कब तक होगी रिहाई

कानपुर के विकास दुबे कांड से चर्चा में आई खुशी दुबे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के करीब एक हफ्ते बाद भी जेल में ही है। खुशी दुबे को जेल से बाहर निकालने के लिए चार जमानत दाखिल हुई है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, कानपुरFri, 13 Jan 2023 03:26 PM
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कानपुर के विकास दुबे कांड से चर्चा में आई खुशी दुबे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के करीब एक हफ्ते बाद भी जेल में ही है। खुशी दुबे को जेल से बाहर निकालने के लिए चार जमानत दाखिल हुई है। इनके सत्यापन का दौर चल रहा है। खुशी की जमानत के लिए बैंक की एफडी, जमीन के कागज और आइडेंटिटी के कागजार दाखिल किए गए हैं। तीनों के सत्यापन का इंतजार हो रहा है। जमानत के सत्यापन के लिए कागज बैंक के अलावा पुलिस और रजिस्ट्री ऑफिस में भेजे गए हैं। सभी जगहों से सत्यापन मिलने के बाद ही खुशी का रिहाई का परवाना बन सकेगा और उसके बाद वह जेल से बाहर आ पाएगी। खुशी करीब तीस महीने से जेल में है। 

विकास दुबे के करीबी सहयोगी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। गौरतलब है कि तीन जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस वालों पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इस दौरान आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। बाद में पुलिस ने विकास दुबे और अमर दुबे समेत कई अपराधियों को भी एनकाउंटर में मार गिराया था। 

खुशी के वकील शिवकांत दीक्षित के अनुसार चार एफडी के कागजात जमानत में दाखिल हुए हैं। जो एक ही बैंक के हैं। कोर्ट की तरफ से बैंक को इसके सत्यापन के लिए भेजा गया है। इसके अलावा जो सम्पत्ति के कागजात जमानत में दाखिल किए गए हैं उसे सत्यापन के लिए रजिस्ट्री कार्यालय भेजा गया है। इसके अलावा आरोपित की आइडेंटिटी के सत्यापन की रिपोर्ट पुलिस देगी। जब इन सब स्थानों से सत्यापन की रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद रिहाई परवाना तैयार हो पाएगा। वकील के अनुसार एक दो दिन और लग सकता है। 

खुशी पर क्‍या हैं आरोप

खुशी पर आरोप है कि उसने विकास को गिरफ्तार करने गए पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बारे में सह-आरोपियों को बताया था। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी का पता चलने से ही कथित तौर पर आठ पुलिसवालों की जान गई। उस पर हथियार से लैस विकास दुबे के सहयोगियों को उकसाने का भी आरोप है।

खुशी दुबे के जेल में बंद होने का मुद्दा पिछले यूपी के विधानसभा चुनाव में जोरशोर से उठा था। विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते रहे कि खुशी दुबे को ब्राह्मण होने की वजह से जेल मे बंद किया गया है। कांग्रेस ने कानपुर की कल्‍याणपुर सीट से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को टिकट भी दिया था। 

क्‍या हुआ था बिकरू गांव में 

कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 3 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला बोल दिया था। उस सनसनीखेज वारदात में यूपी पु‍लिस के डीएसपी समेत आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे।

बाद में विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। उसका भतीजा और दाहिना हाथ माना जाने वाला अमर दुबे भी घटना के बाद फरार हो गया था लेकिन आठ जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में पुलिस ने उसे एक एनकाउंटर में मार गिराया। 

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