जिंदगी की जंग हार गई केजीएमयू की छात्रा, मौत की गुत्थी उलझी; हर जुबां पर एक सवाल-क्यों की खुदकुशी?
केजीएमयू के हॉस्टल में खुदकुशी का प्रयास करने वाली एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा शिल्पी चौधरी जिंदगी की जंग हार गई। छात्रा की मौत की गुत्थी उलझी हुई है। केजीएमयू प्रशासन जांच कर रहा है।
KGMU Student Death: केजीएमयू के हॉस्टल में खुदकुशी का प्रयास करने वाली एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा शिल्पी चौधरी जिंदगी की जंग हार गई। ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर भर्ती छात्रा ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। छात्रा की मौत की सूचना पर केजीएमयू कैंपस में छात्राएं रो पड़ीं। अभिभावकों के आंसू नहीं थम रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
गाजियाबाद के विजयनगर निवासी सिविल इंजीनियर विजेंद्र चौधरी की 18 वर्षीय बेटी शिल्पी चौधरी एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा थी। वह केजीएमयू परिसर स्थित यूजी छात्रावास के 208 नंबर में रहती थी। एक नवंबर को दोपहर करीब एक बजे क्लास खत्म होने पर सभी छात्राएं मेस में खाना खाने चली गईं मगर शिल्पी कमरे में ही रह गई। छात्रा के पिता ने बेटी को फोन किया, जो रिसीव नहीं हुआ।
उन्होंने बेटी की रूममेट को फोन कर बात कराने को कहा। छात्रा हॉस्टल पहुंची तो दरवाजा बंद था। रोशनदान से झांका तो शिल्पी अंदर पंखे से लटक रही थी। छात्रा को उतारकर नाजुक हालत में उसे ट्रामा आईसीयू में भर्ती किया गया। मगर दिन पर दिन उसकी हालत बिगड़ती गई। गुरुवार वह ये जंग हार गई।
मौत की गुत्थी उलझी
छात्रा ने आखिर आत्महत्या क्यों की? केजीएमयू जैसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान में दाखिला लेने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ? जिसकी वजह से छात्रा ने ऐसा कदम उठाया? अभी तक छात्रा की मौत के कारणों से पर्दा नहीं उठा है। छात्रा की मौत की गुत्थी उलझी हुई है। हालांकि केजीएमयू प्रशासन ने मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास करने का दावा किया है।
हॉस्टल में छाया मातम
शिल्पी की मौत के खबर मिलते ही यूजी हॉस्टल में मातम छा गया। छात्र-छात्राओं में शोक की लहर दौड़ पड़ी। साथी छात्राओं के आंसू भी नहीं थम रहे हैं। अभिभावकों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह बताया कि डॉक्टरों की टीम ने छात्रा को बचाने का हर संभव प्रयास किया। पर, कामयाबी नहीं मिली। छात्रा के निधन से केजीएमयू परिवार दुखी है।
क्या बोले केजीएमयू के प्रवक्ता
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह ने कहा कि शिल्पी चौधरी (18) को एक नवम्बर शाम 447 बजे ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया था। गुरुवार सुबह 645 बजे निधन हो गया। मृत्यु का कारण मल्टी-ऑर्गन फेल्योर था। मस्तिष्क में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो गया था। केजीएमयू परिवार दुख की इस घड़ी में परिवारीजनों के साथ है।