काशी अब स्लेबस में, पहली बार शुरू हो रहा स्पेशल कोर्स; बीएचयू की एकेडमिक काउंसिल से मिली हरी झंडी
बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में ‘काशी’ भी एक पाठ्यक्रम के तौर पर पढ़ाई जाएगी। यह पहला मौका होगा जब दुनिया के किसी भी शिक्षण संस्थान में इसे स्पेशल कोर्स के रूप में शुरू किया जाएगा।
BHU News: बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में ‘काशी’ भी एक पाठ्यक्रम के तौर पर पढ़ाई जाएगी। यह पहला मौका होगा जब दुनिया के किसी भी शिक्षण संस्थान में इसे स्पेशल कोर्स के रूप में शुरू किया जाएगा। बीएचयू की एकेडमिक काउंसिल ने छह नए स्नातकोत्तर कोर्स को सहमति दी है। अगले शैक्षणिक सत्र से इन्हें शुरू करने की तैयारी है।
स्टडी ऑफ काशी के अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम मालवीय स्टडीज के रूप में शुरू हो रहा है। इसे लेकर सामाजिक विज्ञान संकाय के शिक्षकों में काफी उत्साह है। बीएचयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पिछले महीने सभी छह कोर्स पर मुहर लगाने के साथ ही कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सभी के लिए अस्थायी शैक्षणिक बोर्ड का गठन भी कर दिया। यह बोर्ड सभी पाठ्यक्रमों का सिलेबस निर्धारण करेंगे। नए शुरू होने वाले चार अन्य कोर्स डायस्पोरा ऐंड ग्लोबल स्टडीज, हिस्ट्री ऑफ साइंस ऐंड साइंस पॉलिसी, एशियन स्टडीज और आर्काइवल स्टडीज ऐंड मैनेजमेंट हैं।
स्टडी ऑफ काशी के दो वर्षीय मास्टर्स डिग्री कोर्स का सिलेबस तैयार करने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडी में दो पद्म अवार्डियों को भी रखा गया है। इनमें पद्मश्री प्रो. राजेश्वर आचार्य, पद्मश्री मालिनी अवस्थी के साथ प्रो. कौशल किशोर मिश्रा, प्रो. केशव प्रसाद मिश्रा और प्रो. राणा पीबी सिंह शामिल हैं। सभी कोर्स संकाय के इतिहास विभाग के अंतर्गत शुरू किए जाएंगे।
इसे जानें
1. कुलपति प्रो. एसके जैन ने किया अस्थायी शैक्षणिक बोर्ड का गठन
2. सिलेबस बनाने में दो पद्म अवार्डी भी करेंगे मदद
3. सामाजिक विज्ञान संकाय में चलेंगे सभी पाठ्यक्रम
4. विश्वविद्यालय में मालवीय अध्ययन की भी होगी शुरुआत