Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Kanpur Police arrested Najma from Bangladesh who was living as a Hindu for last 6 months

यूपी में 6 महीने से हिंदू बनकर रह रही थी बांग्लादेश की नजमा, कानपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

यूपी में पिछले छह महीने से पूजा बनकर रह रही बांग्लादेशी युवती को पुलिस ने रविवार को धर दबोचा गया। इसके अलावा युवती को शरण देने वाली दो अन्य महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, कानपुरMon, 22 July 2024 06:25 PM
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यूपी में पिछले छह महीने से पूजा बनकर रह रही बांग्लादेशी (रोहिंग्या) नजमा को मुखबिर की सूचना पर रविवार को धर दबोचा गया। उसे शरण देने वाली दो महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों से पूछताछ के बाद शहर में गैर-कानूनी ढंग से रह रहे अन्य रोहिंग्या की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं, घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं।

कश्यप नगर राधापुरम सोसाइटी में किराये के मकान में रहने वाली बांग्लादेश की नजमा पिछले छह महीने से पूजा बनकर रह रही थी, जिसे इसी मकान में रहने वाली रीना कश्यप और ज्योति निषाद ने शरण दी थी। रविवार को कल्याणपुर पुलिस प्रभात प्रहरी अभियान के दौरान चेकिंग कर रही थी। जगह-जगह संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ का अभियान चल रहा था। तभी पुलिस को बांग्लादेशी युवती की सूचना मिली। पुलिस की एक टीम ने एल्डिको के पास से उसे दबोच लिया। युवती कानपुर देहात जाने वाली बस का इंतजार कर रही थीं। पुलिस ने उसे शरण देने वाली कोलकाता निवासी रीना और निजामुद्दीन दिल्ली निवासी ज्योति को गिरफ्तार कर लिया।

पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसी थी नजमा

पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई नजमा की आधी बांग्ला और आधी हिंदी भाषा से पूछताछ में पुलिस चकरा गई। थोड़ा बहुत जो पुलिस समझ पाई उसके अनुसार नजमा ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल होने के बाद छिपते-छिपाते कानपुर पहुंची थी। पिछले छह महीने से पूजा बनकर रह रही थी। उसने बताया कि बांग्लादेशी कागजात बॉर्डर पार कराने वालों ने पहले ही जला दिए थे।

काम दिलाने के बहाने कानपुर आई थी नजमा

पश्चिम बंगाल निवासी रीना ने पूछताछ में बताया कि छह महीने पहले वह कोलकाता गई थी। वहां उसकी मुलाकात नजमा और ज्योति से हुई थी। दोनों काम दिलाने के बहाने कानपुर ले आई थी। यहां ये लोग छोटा-मोटा काम कर पैसा कमा लेती थीं। रीना का भी अपने पति से अलगाव हो गया है। वहीं कल्याणपुर और आसपास के इलाकों में बांग्लादेशियों को पहले भी आपराधिक घटनाओं में गिरफ्तार किया जा चुका है। पीरोड में नोट बदलने के नाम पर व्यापारियों से ठगी करने वाली कुछ बांग्लादेशी महिलाओं को कल्याणपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इंदिरा नगर में एक बांग्लादेशी रोहिंग्या ने आतंक मचा रखा था। अवैध रूप से झोपड़ी बनाकर रहे रहे युवक ने इंदिरा नगर में कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की थी।

कल्याणपुर, नरामऊ, इंदिरा नगर, जीटी रोड, आवास विकास-3, आंबेडकरपुरम और पनकी के कई इलाकों में बांग्लादेशियों ने अपनी बस्तियां बनाकर रखी हैं। ये लोग यहां पर ज्यादातर कबाड़ बीनने और घरों में झाड़ू-पोंछा करते हैं। पहचान पूछने पर असम, बंगाल के आधार कार्ड दिखा देते हैं। इस मामले में डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने बताया कि बांग्लादेशी युवती समेत तीनों को जेल भेजा गया है। उसके पास कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं। वह यहां पर छिपकर रह रही थी। पुलिस को सूचना मिलने के बाद तीनों को गिरफ्तार किया।

पहले भी पकड़े जा चुके बांग्लादेशी

27 मार्च 2024- एटीएस ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक से छह बांग्लादेशी रोहिंग्या को किया था गिरफ्तार।
7 मई 2024- एटीएस ने झकरकटी बस स्टैंड से आठ बांग्लादेशी रोहिंग्या को दबोचा था।

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