अल्लाह हू अकबर लिख प्रभात शुक्ला ने पुलिस को भरमाया, कानपुर मर्डर में महिला टीचर समेत तीन गिरफ्तार
कानपुर में कारोबारी के बेटे की हत्या महिला ट्यूशन टीचर और उसके ब्वाय फ्रेंड प्रभात शुक्ला ने मिलकर कर दी। पुलिस को कंफ्यूज करने के लिए प्रभात शुक्ला ने कारोबारी के घर पर फिरौती का लेटर भी फेंका था।
कानपुर में साड़ी कारोबारी के दसवीं में पढ़ने वाले बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। हत्या से पहले कारोबारी के घर पर एक लेटर फेंककर तीस लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने मामले का कुछ घंटे में ही खुलासा कर दिया और कारोबारी के बेटे का शव बरामद कर लिया है। पूरे वारदात का मास्टर माइंड कारोबारी के बेटे की महिला ट्यूशन टीचर और उसका ब्वाय फ्रेंड प्रभात शुक्ला निकला है। प्रभात ने ही पुलिस को कंफ्यूज करने के लिए फिरौती के लेटर पर अल्लाह हू अकबर भी लिखा था। यह भी लिखा था कि हमें पैसे दे दो और अल्लाह पर भरोसा रखो। पुलिस का मानना है कि प्रभात शुक्ला ने यह सब माहौल को खराब करने की नीयत से भी लिखा था। कानपुर जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह की हरकत को बड़ी साजिश भी माना जा रहा है।
आचार्य नगर के रहने वाले बड़े साड़ी कारोबारी मनीष कनोडिया का 17 वर्षीय बेटा कुशाग्र एक प्रतिष्ठित स्कूल में 10वीं का छात्र था। वह आर्यनगर की कोचिंग में रोज शाम पढ़ने जाता था। सोमवार शाम चार बजे वह घर से स्कूटी लेकर निकला, लेकिन छह बजे तक घर नहीं लौटा। खोजबीन में कुछ पता नहीं चला। इसी बीच हेलमेट और मास्क लगाकर स्कूटी से पहुंचे एक युवक ने घर में एक पत्र फेंका। इसमें फिरौती की मांग की गई थी।
पत्र में लिखा था कि मैं नहीं चाहता कि आपका त्योहार बर्बाद हो। आप मेरे हाथ में पैसे रखो और लड़का एक घंटे बाद आपके पास होगा। हम आपको कल फोन करेंगे। अल्लाह हु अकबर। इस लड़के की गाड़ी और उसका मोबाइल दोनों आपके घर के पास होटल द सिटी क्लब के पास खड़ी है। मैं आपका नुकसान नहीं चाहता। आपसे बार-बार बोल रहा हूं कि घबराओ न। आप अल्लाह पर भरोसा रखो।
गार्ड ने पहचानी ट्यूटर की स्कूटी
मनीष कनोडिया के घर फिरौती का पत्र फेंकने आए युवक की स्कूटी अपार्टमेंट के गार्ड ने पहचान ली थी। जहां से पुलिस को पहला सुराग मिला। सूत्रों के मुताबिक वह युवक मॉस्क पहने हुए ही अंदर जाना चाहता था पर गार्ड राजन कुमार ने रोक दिया। इस पर वह मॉस्क उतार कर अंदर गया। इस बीच गार्ड ने स्कूटी की नंबर प्लेट पर चढ़ा कपड़ा हटा कर नंबर नोट कर लिया। बाद में जांच में यह नंबर किसी अनूप के नाम दर्ज बाइक का निकला।
स्कूटी का सुराग मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई। गार्ड ने पूछताछ में बताया कि ऐसी ही स्कूटी पर कुशाग्र की पुरानी ट्यूटर यहां आती रही है। इस पर पुलिस ने ट्यूटर के घर छापा मारा जहां बाहर खड़ी स्कूटी की जांच की। यह वह स्कूटी नहीं निकली जिससे पत्र फेंकने वाला आया था। पुलिस ने घर के अंदर खोजबीन की तो एक और स्कूटी मिली। इस पर वही नंबर दर्ज था जो गार्ड ने नोटकिया था। इस पर पुलिस ने ट्यूटर और उसके भाई को उठा लिया। थाने में दोनों से पूछताछ शुरू हुई। इसके बाद उनकी निशानदेही पर प्रभात के घर से कुशाग्र का शव बरामद कर लिया गया।
क्या है हत्या का कारण
हत्या का अभी तक कारण नहीं पता चल सका है। हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो कुशाग्र और महिला ट्यूशन टीचर के बीच प्रेम संबंध हो गए थे। यह टीचर के ब्वाय फ्रेंड को मंजूर नहीं था। इसी के बाद उसकी हत्या की साजिश रची गई। फिरौती का लेटर फेंका गया और अल्लाह हूं अकबर लिखकर मामले को नया एंगल देने की कोशिश की गई। माना जा रहा है कि अपने ही घर पर कुशाग्र की हत्या के बाद प्रभात शुक्ला उसके शव को किसी मुस्लिम इलाके में ठिकाने लगा देता। लेकिन इससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया और मामला खुल गया।