कानपुर मर्डर केस : पत्नी को पहले लात-घूंसों से पीटा फिर दुपट्टे से कस दिया गला
कानपुर में ममता को पति धर्मेंद्र ने साथियों के साथ बेरहमी से मौत के घाट उतारा। चलते ऑटो में पहले उसे लात-घूंसों से इस तरह पीटा कि वह बेहोश हो गई, फिर दोस्तों के साथ शराब पी। पूरी तरह नशे में आने के...
कानपुर में ममता को पति धर्मेंद्र ने साथियों के साथ बेरहमी से मौत के घाट उतारा। चलते ऑटो में पहले उसे लात-घूंसों से इस तरह पीटा कि वह बेहोश हो गई, फिर दोस्तों के साथ शराब पी। पूरी तरह नशे में आने के बाद दुपट्टे से उसका गला कस दिया। मारने के बाद हाईवे पर शव को ऐसे रखा जैसे दूर से देखने में लगे कोई भिखारी सो रहा है। पुलिस ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ घटना में इस्तेमाल किया गया ऑटो और दुपट्टा बरामद कर लिया है।
धर्मेंद्र ने जब ममता को बुलाया था तब वह रेलबाजार निवासी आशु के ऑटो से पहुंचा था। उसमें आशु और धर्मेंद्र के अलावा उनका एक और मित्र रेलबाजार निवासी कल्लू भी मौजूद था। विजय नगर चौराहा से ममता को लेने के बाद सभी माल रोड पहुंचे। वहां पर एक होटल में इन लोगों ने खाना खाया। उसके बाद सेंट्रल स्टेशन गए। वहीं से धर्मेंद्र के दोस्तों ने शराब खरीदकर रख ली थी। उसके बाद यह लोग ड्योढ़ी घाट महाराजपुर चले गए। वहीं पर ममता को घुमाते रहे। शाम को विवाद बढ़ा तो धर्मेन्द्र ने उसे पीटना शुरू कर दिया। उसे इतना मारा कि वह बेहोश हो गई। उसके बाद उसने दोस्तों के साथ शराब पी और फिर ममता की हत्या कर दी।
14 घंटे तक घुमाता रहा
ममता को मौत के घाट उतारने के लिए धर्मेन्द्र अपने दोस्तों के साथ उसे 14 घंटे तक घुमाता रहा। रविवार सुबह 11 बजे विजय नगर से वह ममता को लेकर चला और रात लगभग 1 बजे उसने शव को हाईवे पर ठिकाने लगाया।
जलाना चाहता था शव को
पुलिस पूछताछ में धर्मेन्द्र ने बताया कि वह ममता का शव जला देता मगर हाईवे पर ऑटो पंचर हो गई इस कारण वहीं पर शव को ठिकाने लगाना पड़ा। वहां से वह लोग ऑटो को खींचते हुए हाईवे से नीचे लाए और सर्विस रोड पर बनी एक दुकान में पहिया सही कराया।
सरेंडर करने से पहले घर गया था
रेलबाजार थाने में सरेंडर करने से पहले धर्मेंद्र अपने घर गया था। वहां पर उसने अपने पड़ोसियों से नशे की हालत में कहा कि आज उसने ममता का काम तमाम कर दिया।
आपको नहीं मालूम ममता की हत्या हो गई
ममता के पिता ननके सिंह ने बताया कि देर शाम तक जब बेटी घर वापस नहीं लौटी तो उन्होंने उसका फोन लगाना शुरू किया मगर मोबाइल फोन बंद जा रहा था। कई मित्रों को फोन लगाने के बाद जब उसका कुछ पता नहीं चला तब रात में लगभग 1:30 बजे उन्होंने ससुराल में फोन लगाया। तब ममता की चचिया सास ने फोन उठाया। बेटी के बारे में पूछने पर उसने कहा कि आपको नहीं मालूम ममता की हत्या हो चुकी है। तब परिजन पनकी थाने पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने उनकी तहरीर पर धारा 363 (कानूनी अभिभावक के संरक्षण से अपहरण करना ) में एफआईआर दर्ज कर ममता की तलाश शुरू कर दी थी।
कानून की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी
ममता एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी मगर बार से उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। वह बीते पांच सालों से एक वकील के यहां बतौर मुंशी काम कर रही थी। कुछ समय बाद उसका रजिस्ट्रेशन होने के साथ वह वकालत शुरू करने वाली थी। ममता के परिवार में चार बहनों के अलावा दो भाई है। वह दूसरे नम्बर पर थी।
हाथ-नाक व चेहरे पर नाखून के निशान
ममता का शव बरामद होने के बाद फोरेंसिक टीम बुलाकर जांच कराई गई। एफएसएल विशेषज्ञ ने बताया कि ममता के गले में गहरे स्ट्रेंग्यूलेशन के मार्क थे। उसकी नाक और मुंह से खून निकल रहा था। उसके नाक कान और चेहरे पर खरोंच के निशान भी मिले हैं। जिससे उसके साथ मारपीट होने की पुष्टि हुई है।