कानपुर : 35 गोताखोर, दो बोट और 32 किलोमीटर तलाश के बाद भी नहीं मिला संजीत का शव
संजीत के शव की तलाश में शनिवार को पांडु नदी में सात घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया पर शाम साढ़े सात बजे तक कोई कामयाबी नहीं मिली। अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन बंद कर दिया गया। अगुवाई कर रहे बिधनू थाना...
संजीत के शव की तलाश में शनिवार को पांडु नदी में सात घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया पर शाम साढ़े सात बजे तक कोई कामयाबी नहीं मिली। अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन बंद कर दिया गया। अगुवाई कर रहे बिधनू थाना प्रभारी ने बताया कि फतेहपुर से फ्लड कंपनी बटालियन के 35 गोताखोर और छह बोट और मंगवाई गई हैं। दो बोट से घटनास्थल फत्तेपुर गोही लोहे के पुल से चार बजे उरियारा निर्माणाधीन पुल तक तलाश की गई।
गोताखोर पानी में उतरे, किनारे की झाड़ियों में भी तलाश की गई। शाम चार से साढ़े सात बजे उरियारा पुल से करीब 12 किलोमीटर आगे तक देखा पर अंधेरा होने तक कामयाबी न मिली। थाना प्रभारी ने बताया कि रविवार सुबह से फिर सर्च ऑपरेशन चलेगा।
पहचान करना मुश्किल
जानकारों के मुताबिक हत्या को करीब एक महीना हो चुका है। बारिश का मौसम होने के कारण कई बार पांडु नदी में तेज बहाव रहा। अमूमन तीन-चार दिन बीतने पर पानी और मिट्टी के संपर्क में आने से शव डीकम्पोज होने लगता है। ऐसे में लाश मिल भी गई तो पहचानना मुश्किल होगा।
करण की तलाश में की छापेमारी
पुलिस की जांच में हत्याकांड में सचेंडी के गज्जूपुरवा निवासी नीलू के करीबी करण उर्फ सिम्मी की संलिप्तता भी सामने आई है। उसकी तलाश में टीम ने कई जगह छापेमारी की लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक करन टेक्निकल और सोशल मीडिया से जुड़ाव रखता है। सिम दिलाने से लेकर कई अन्य संसाधन जुटाने, अपहरण और हत्या को अंजाम देने में शामिल रहा।
कुलदीप के दो साथी भी नहीं पकड़ पाए
पुलिस टीम हत्याकांड में मदद करने वाले कुलदीप के दो साथियों की तलाश में लगी है। उनके कई करीबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं, दोनों के मोबाइल भी स्विच ऑफ हैं। इससे लोकेशन भी नहीं मिल पा रही है। दोनों की अंतिम लोकेशन एक साथ और बर्रा क्षेत्र में ही मिली है।