कानपुर का पहला कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग हुआ ठीक, एक और जांच के बाद भेजा जाएगा घर
कानपुर के पहले कोरोना पॉजिटिव 70 वर्षीय बुजुर्ग ने हौसले से कोरोना जैसी घातक बीमारी को हरा दिया। आइसोलेशन में उन्होंने किताबों का सहारा लिया। डॉक्टरों की हर सलाह मानी। बताए गए खान-पान का पालन किया।...
कानपुर के पहले कोरोना पॉजिटिव 70 वर्षीय बुजुर्ग ने हौसले से कोरोना जैसी घातक बीमारी को हरा दिया। आइसोलेशन में उन्होंने किताबों का सहारा लिया। डॉक्टरों की हर सलाह मानी। बताए गए खान-पान का पालन किया। घरवाले भी डॉक्टरों के सहारे रहे तो डॉक्टर भी दमखम के साथ डटे रहे। दिन में दो बार नियमित तौर पर उनके पास गए और हाल लिया। जरूरी दवाएं दीं जिसका असर नजर आ रहा है।
एनआरआई सिटी के डायमंड टॉवर निवासी बुजुर्ग को 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शैलेन्द्र तिवारी ने उनका इलाज किया। डॉ. के मुताबिक बुजुर्ग को हाइरटेंशन की हिस्ट्री थी। वह ब्लड प्रेशर की नियमित दवा ले रहे थे। लिवर, किडनी और दूसरे अंग ठीक से काम कर रहे थे। गनीमत है कि उन्हें डायबिटीज नहीं थी। उन्हें वही दवाएं दी गईं जो इंडयिन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइन है मगर उनकी उम्र के हिसाब से खान-पान में कुछ बदलाव किया गया। मसलन उन्हें नॉर्मल डाइट के साथ मेवे (काजू, बादाम) वाले कुछ पकवान अलग से दिए। कुछ मौसमी फलों की मात्रा भी बढ़ा दी। सबसे बड़ी बात यह है कि वह कभी नर्वस नहीं हुए। उन्हें काउंसिलिंग की जरूरत नहीं पड़ी। आइसोलेशन में मनपसंद की किताबें मिलती थीं।
डॉ. तिवारी के मुताबिक पूरी किट पहनकर मैंने खुद उनका दो बार खून का सैम्पल लिया है और साथ में खड़े होकर एक्सरे कराया। मैं खुद इसलिए उनके पास जाता था कि उन्हें यह एहसास न होने पाए कि डॉक्टर उनके पास नहीं हैं। पैरामेडिकल स्टाफ से चूक संभव थी तो यह काम भी खुद ही किया। शनिवार को एक सैम्पल और लिया गया है। दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेज दिया जाएगा। घर पर वह 14 दिन आइसोलेशन में रहेंगे।