बीएचयू अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, दो दिन में ही चरमराई व्यवस्था, दर्जनों आपरेशन टाले गए
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में मारपीट के बाद जूनियर रेजीडेंट की हड़ताल दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। उनके आह्वान पर सीनियर रेजीडेंट के समर्थन में आने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई।
मारपीट के बाद वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में जूनियर रेजीडेंट की हड़ताल दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। उनके आह्वान पर सीनियर रेजीडेंट के समर्थन में आने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई। करीब पांच सौ मरीज बिना परामर्श के लौट गए। इमरजेंसी को छोड़ शेष सर्जरियां ठप रहीं। हड़ताली जूनियर रेजीडेंट ने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो इमरजेंसी और आईसीयू की सेवा भी ठप कर देंगे।
उधर आईएमएस के प्रभारी निदेशक प्रो. एसके सिंह, प्रभारी एमएस प्रो. अंकुर सिंह ने जूनियर रेजीडेंट से अपील की है कि वह काम पर लौट आएं। निदेशक ने कहा कि रेजीडेंट चिकित्सकीय सेवाओं के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। संस्थान व अस्पताल प्रशासन उनकी सेवाओं को पूर्णरूप से समझते है। 21-22 सितंबर को दिए गए पत्रों में उठाये गये विषयों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के लिए उसे जिला एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजा जा रहा है।
अस्पताल में चिकित्सक और सीनियर रेजीडेंट मरीजों को परामर्श दे रहे थे। इसी बीच जूनियर रेजीडेंट एक-एक करके सभी ओपीडी में गए और सीनियर रेजीडेंट से हड़ताल में सहयोग मांगा। इसके बाद सीनियर रेजीडेंट भी ओपीडी से बाहर आ गए। ऐसे में ओपीडी में सिर्फ चिकित्सक ही मरीजों को परामर्श दे रहे थे। इस कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। करीब पांच सौ मरीज बिना उपचार कराए लौट गए।
सुबह मरीजों का अल्ट्रासाउंड हुआ लेकिन जूनियर रेजीडेंटों ने उसे बंद करा दिया। इस कारण सुबह 11 बजे के बाद अल्ट्रासाउंड बंद हो गया। हालांकि एमआरआई और एक्स-रे होती रही। इसके साथ सिटी स्कैन तो लोगों का रहा है लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है।
इमरजेंसी में मरीजों को रिपोर्ट दी जा रही है। आंन्को सर्जरी विभाग में पांच लोगों का ऑपरेशन होना था लेकिन किसी का भी नहीं हुआ। सभी लोग लौट गए। वहीं जनरल सर्जरी में सिर्फ एक ऑपरेशन हुआ। बाकी 12 लोग लौट गए।
मेडसिन विभाग के चैंबर का टूटा गेट
मेडिसिन विभाग में एक डॉक्टर मरीजों को परामर्श दे रहे थे। वहां पर भीड़ ज्यादा थी। मरीज को जल्दी दिखाने के लिए धक्का मुक्की कर रहे थे। दरवाजे पर जोर पड़ने के कारण टूट गई। इसके बाद सुरक्षागार्ड ने वहां से भीड़ को हटाया।
फिटनेस जांच के लिए भटक रहे थे गंभीर मरीज
सर्जरी से पहले मरीजों की फिटनेस जांच की जाती है। इसके बाद उन्हे भर्ती किया जाता है। सुबह दस बजे तक करीब दस मरीजों का फिटनेस जांच किया गया। इसके बाद बाकी लोगों को लौटा दिया गया। बिहार के नालंदा से आए मनीष कुशवाहा ने बताया कि उनकी मां को कैंसर है। डॉक्टर ने शुक्रवार को भर्ती करने के लिए बुलाया था लेकिन फिटनेस जांच नहीं होने के बाद भर्ती नहीं हो सकें।
दांतों की फिलिंग के लिए परेशान हुए मरीज
ट्रॉमा सेंटर स्थित दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय में मरीज परेशान हो रहे हैं। वहां पर मरीजों को परामर्श तो मिल रहा है लेकिन दांत निकालना, दांत में फिलिंग, मुंह का ऑपरेशन, टेढ़े-मेढ़े दांत का ठीक करना सहित अन्य परेशानी हुई।
ट्रॉमा सेंटर में आधी हो गई सर्जरी
ट्रॉमा सेंटर में ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। वहीं इमरजेंसी सर्जरी चल रही है लेकिन जनरल सर्जरी यहां पर आधी हो गई है। वहीं ओपीडी में मरीज भी कम हो गए हैं।
रेजीडेंटों ने निकाली रैली
रेजीडेंट पूरे दिन आईएमएस के गेट पर बैठे रहें। वहीं शाम को सिंहद्वार तक रैली निकालकर विरोध किया। रेजीडेंटों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी हड़ताल जारी रहेगा।