कोटे से भर्ती 48 सिपाहियों की नौकरी अब खतरे में, जानिए पूरा प्रकरण
सिपाही भर्ती 2013 बैच के 48 सिपाहियों की नौकरी अब खतरे में आ गई है। यूपी पुलिस की वर्षों सेवा करने के बाद उनका फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा और होमगार्ड सेवा के तहत चयनित...
सिपाही भर्ती 2013 बैच के 48 सिपाहियों की नौकरी अब खतरे में आ गई है। यूपी पुलिस की वर्षों सेवा करने के बाद उनका फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा और होमगार्ड सेवा के तहत चयनित कुल 48 सिपाहियों का चयन निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रयागराज में तैनात तीन सिपाहियों का चयन निरस्त किया जा चुका है।
यूपी पुलिस की सिपाहियों की 2013 में भर्ती हुई थी। आवेदन करने के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और होमगार्ड सेवा के तहत कुछ अभ्यर्थियों को विशेष कोटा मिला था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा में प्रमाणपत्र देना था। इसी तरह होमगार्ड कोर्ट में शर्त थी कि कम से कम तीन वर्ष तक बतौर होमगार्ड काम करने का अनुभव हो। उस वक्त ऑनलाइन प्रकिया चली। इसके बाद भर्ती बोर्ड ने एक-एक सिपाहियों के कागजात का सत्यापन शुरू किया। इस दौरान पता चला कि होमगार्ड कोटे से चयनित 13 अभ्यर्थियों ने तीन साल तक नौकरी नहीं की थी। वहीं 35 अभ्यर्थियों के पास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे का प्रमाण पत्र नहीं था। इधर, नौकरी लगने के बाद सिपाहियों की विभिन्न जिलों में तैनाती हो गई थी। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से नोटिस देकर जवाब मांगा गया। जो लोग प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं, उनका चयन निरस्त किया जा रहा है।
प्रयागराज में 2013 बैच के चार सिपाहियों पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया। इनमें आजमगढ़ निवासी अमरदीप सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे से भर्ती हुए थे, जबकि आजमगढ़ के सतवंत सिंह और उन्नाव के अमित कुमार होमगार्ड कोर्ट से चयन हुए थे। आरोप है कि अमरदीप सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का प्रमाण नहीं दे पाए। इसी तरह दोनों सिपाहियों के बारे में पता चला कि उन्होंने सिर्फ एक ही साल होमगार्ड की नौकरी की थी। तीनों का चयन निरस्त किया जा चुका है। चौथे आरोपी सिपाही की जांच चल रही है। उसने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे का प्रमाण पत्र देने की बात कही है।