जौनपुर: यूजी-पीजी की कॉपियां जांचते हुए फर्जी शिक्षक गिरफ्तार, 9 अन्य फरार
जौनपुर में जवीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर यूजी-पीजी की उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय फर्जी शिक्षक पकड़ा गया जबकि मौके से नौ आरोपी फरार हो गए।
जौनपुर में जवीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर यूजी-पीजी की उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय फर्जी शिक्षक पकड़ा गया जबकि मौके से नौ आरोपी फरार हो गए। सूचना पर पुलिस भी पहुंची भागे फर्जी शिक्षको की तलाश में जुट गई। उनके पास से छोड़े गए सामानों के पास से भारी संख्या में मुहर व कागजात मिले हैं। कॉपी जांचने के रैकेट में अधिकतर आजमगढ़ के लोग है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नए मूल्यांकन केंद्र पर आधा दर्जन से अधिक विषयों का स्नातक परास्नातक के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है जिसमें करीब 600 से अधिक परीक्षक मूल्यांकन कर रहे थे। एक परीक्षक शिक्षा शास्त्र की बंडल को जाचने के बाद जमा करने आया ,कापी एलाट लेटर पर कोर्डिनेटर का हस्ताक्षर संदिग्ध लगा। पूछताछ में लङखङाने लगा। मूल्यांकन में लगे अनिल कुमार सिंह निगोह, एसबी सिंह, कोर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार चतुर्वेदी, डॉ. जीपी दुबे. डॉ. अंसार अहमद ने आईडी सत्यापन की तो फर्जी पाया, वह डॉ. जेपी दुबे की फर्जी हस्ताक्षर पर बंडल एलाट करवाकर मूल्यांकन कर रहा था। उसे पकड़ कर मूल्यांकन के जिम्मेदारों ने जबरदस्त उसकी पिटाई की। इसके बाद उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से आधा दर्जन मुहर उतनी आईडी व फर्जी कागजात बरामद हुआ।
पकड़ा गया फर्जी परीक्षक सुभाष चंद्र आजमगढ़ का रहने वाला है। इसके पास से सहायक अध्यापक ज्ञानस्थली इंटर कॉलेज भरर्थीपुर आजमगढ़ का पहचान पत्र बरामद हुआ। जिस पर योगय्ता एम ए हिंदी दर्ज था। बाद में इसकी जब जांच की गई तो यह भी फर्जी निकला, आरोपी ना कहीं शिक्षक है किसी प्राइवेट कान्वेंट स्कूल में पढ़ाता था और पूछताछ चल रही थी पता लगा कि 9 और परीक्षक आधे अधूरे कॉपियों का बंडल मूल्यांकन करने के दौरान छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान वह अपना पर्स बैग व अन्य सामग्री छोड़ भागे। सभी की आईडी से भागे लोगों की पहचान हुई जिसमें अशोक कुमार, वीरेंद्र कुमार, सतीश, अगस्त, आशीष कुमार, जीतबहादुर, मनीष कुमार, आलोक, तारकेश गिरोह में शामिल है। इनके आईडी कागजात मुहर पकड़े गए।
आरोपी परीक्षक ने बताया कि वह लोग मई की शुरुआत से यहां शिक्षाशास्त्र समाजशास्त्र गृहविज्ञान वनस्पति विज्ञान भूगोल की कॉपियों का मूल्यांकन कर चुके हैं। इसके साथ ही वह अन्य विश्वविद्यालयों में मूल्यांकन कर चुके हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी परीक्षक को लेकर के भागे लोगों की बाईक की तलाश कर रही थी की मौके से आरोपी पुलिस से हाथ छुड़ाकर भागने का प्रयास किया। इस दौरान कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार, महेंद्र यादव व बृजनंदन ने दौड़ाकर पकड़ लिया। पूछताछ कर उसके गाड़ी से भी मुहर वह फर्जी कागजात बरामद हुए कई कालेजों की आईडी भी बरामद हुई।
विभिन्न विषयों के हजारों छात्रों के भविष्य कर चुके खेल
वीर बहादुर सिंह मूल्यांकन केंद्र पर एक दर्जन फर्जी परीक्षक दर्जनों भर विषयों का मूल्यांकन कर चुके हैं। इनका इसके पीछे एक दर्जन लोगों का गिरोह है ,जो मूल्यांकन केंद्रों पर संबंधित परीक्षकों के जरिए फर्जी आईडी के दम पर दाखिल होता है और विश्वविद्यालयों में भूगोल गृह विज्ञान शिक्षाशास्त्र हिंदी वनस्पति विज्ञान जंतु विज्ञान समेत एक दर्जन विषयों का मूल्यांकन कर चुके। जिससे यह हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर चुके हैं। इस तरह जोड़ा जाए तो आठ हजार कॉपियों का मूल्यांकन पूर्वांचल विश्वविद्यालय में किए हैं। अब उन छात्रों के मेहनत पर संकट के बादल मडराने लगे हैं।
गिरोह कई विश्वविद्यालयों में सक्रीय
पकड़ा गया फर्जी परीक्षक की मानें तो वह फैजाबाद विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ नगर, काशी विद्यापीठ समेत अन्य कई विश्वविद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों के साथ मूल्यांकन कार्य किया है और इनके एजेंट रहते थे जिसमें यह मूल्यांकन से आई इनकम में 10 परसेंट उनको भुगतान कर देते थे।
पूर्णाक से अधिक दिए नंबर
पकड़े गए फर्जी परीक्षक के अनुसार सभी लोग कॉपी जांचने के दौरान कुछ विषयों में पूर्णान्क पर ध्यान नहीं दिए और सौ नंबर के पुर्णाक को मानकर कॉपियां जांच दिया। जिसमें साइंस की कई कॉपियों में यह पूर्णान्क से अधिक नंबर दे दिए। जो ऑनलाइन पोस्ट करने में पकड़ी गई ,लेकिन फर्जी आईडी व प्रमाणपत्र लगने के कारण यह पकड़ में नहीं आ सके। तभी से ऐसे परीक्षक तलासे जा रहें थे।
हाई स्कूल इंटर मे फर्जीवाड़ा कर किया मूल्यांकन
हाई स्कूल इंटर की कॉपियों का भी मूल्यांकन खूब जमकर किया है। पकड़े गए आरोपी की माने तो वह हाई स्कूल इंटर में किसी भी दिक्कत का सामना नहीं होता था वह आराम से गिरोह पूरी तरह कॉपियां जांचने का अंजाम दिया और सब कार्य फर्जीवाड़ा कागजात कर हेराफेरी कर किया गया उसमें सफलता मिलने के बाद विश्वविद्यालय की कॉपियों को जांचने के लिए अपने जुगाड़ लगाएं।
गिरोह के अधिकतर सदस्य आजमगढ़ के
पकड़े गए आरोपी ने बताएं कि उनके गिरोह में एक दर्जन लोग शामिल हैं और जो हर स्तर पर फर्जीवाड़ा करने में सफल है जिसमें अधिकतर आजमगढ़ के लोग हैं। जो यूजी पीजी कॉलेज में तैनात शिक्षकों से बारीकी सीखकर कर विभिन्न कालेजों के आईडी पर काम कर रहे हैं। मूल्यांकन वही करते है जहां भारी संख्या में परीक्षक मूल्यांकन करते थे। और जरूरत पड़ने पर पैसे भी खर्च करते थे।
छात्रों के साथ नहीं होगा अन्याय: परीक्षा नियंत्रक
वीर बहादुर सिंह मूल्यांकन कार्य में फर्जी परीक्षको ने भारी संख्या में विभिन्न विषयों का मूल्यांकन कर दिया है। जिसको लेकर परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह ने कहा कि फर्जी परीक्षकों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया। उसके साथ लिखा पढ़ी की जा रही है। जो भी और परीक्षक थे उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। जो भी कॉपियां यह सब मूल्यांकन किए हैं, उसका सत्यापन कराया जाएगा। वह कॉपियो का दोबारा मूल्यांकन कराया जाएगा। जिससे छात्रों के साथ अन्याय ना होने पावे। क्योंकि यह फर्जी परीक्षक अनुभव हीन होने के कारण किस हाल में कॉपियों का मूल्यांकन किए हैं। वह जांच के बाद पता चलेगा और इसमें जो भी आरोपी शामिल हुए उनके साथ कड़ी से कड़ी कार्रवाई जायेगा।