Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़It will not be easy get arms license UP you will have give tough exam questions and answers will be like army

यूपी में शस्त्र लाइसेंस लेना नहीं होगा आसान, देनी होगी कड़ी परीक्षा, आर्मी जैसे भी होंगे सवाल-जवाब

अगर आप शस्त्र का प्रयोग करने को लाइसेंस पाने के लिए दरख्वास्त देने जा रहे हैं तो मनोवैज्ञानिक एवं व्यक्तित्व परीक्षण की कड़ी प्रक्रिया से गुजरने के लिए तैयार हो जाएं।

Dinesh Rathour वरिष्ठ संवाददाता, मुरादाबाद।Tue, 19 Dec 2023 06:55 PM
share Share

अगर आप शस्त्र का प्रयोग करने को लाइसेंस पाने के लिए दरख्वास्त देने जा रहे हैं तो मनोवैज्ञानिक एवं व्यक्तित्व परीक्षण की कड़ी प्रक्रिया से गुजरने के लिए तैयार हो जाएं। आपको सेना में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के होने वाले मनोवैज्ञानिक एवं व्यक्तित्व परीक्षण जैसे कड़े इम्तहानों से गुजरना होगा। इस संबंध में शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप मुरादाबाद में जिला अस्पताल स्थित मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ पर शस्त्र लाइसेंस के आवेदकों के मनौवैज्ञानिक परीक्षण की शुरुआत कर दी गई है।

शस्त्र का प्रयोग करने के लिए लाइसेंस की दरख्वास्त लगाने वाले सभी आवेदकों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण रोर्शच और थीमैटिक एपरसेप्शन टेस्ट के माध्यम से होगा। थीमैटिक एपरसेप्शन परीक्षण आर्मी में ऑफिसर पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के एसएसबी इंटरव्यू में अनिवार्य रूप से कराया जा रहा है। मुरादाबाद में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल में संचालित हो रहे इस प्रकोष्ठ पर कार्यरत क्लीनिकल साइकॉलॉजिस्ट डॉ. एस धनंजय ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस के आवेदकों का 16 बिंदुओं के अंतर्गत व्यक्तित्व परीक्षण होगा।

मुरादाबाद में पर्सनल्टी टेस्ट देंगे तीन जिलों के आवेदक

शासन के दिशा-निर्देशों के दृष्टिगत शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन होने पर संबंधित जिलाधिकारी द्वारा आवेदक को मनोवैज्ञानिक परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा जाएगा। यहां मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ पर मुरादाबाद जिले के साथ ही रामपुर और बिजनौर के अभ्यर्थियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण शुरू किया गया है। बिजनौर में संबंधित चिकित्सक के नहीं होने और रामपुर में परीक्षण टूल नहीं होने से अभ्यर्थियों को परीक्षण के लिए मुरादाबाद आना होगा। 

रोर्शच परीक्षण से होता मानसिक विकारों का आकलन

रोर्शच एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण है जिसे 1900 के प्रारंभ में मनोचिकित्सक हरमन रोर्शच द्वारा डिजाइन किया गया था। परीक्षण में किसी विषय को स्याही के धब्बों की छवियों के साथ प्रस्तुत करना शामिल है। फिर व्यक्ति वर्णन करता है कि वे इन धब्बों में क्या देखते हैं। यह परीक्षण कथित तौर पर व्यक्तित्व, भावनात्मक कार्यप्रणाली या कुछ मानसिक विकारों का आकलन कर सकता है।

थीमैटिक एपरसेप्शन टेस्ट से व्यक्तित्व का मूल्यांकन

टैट यानि थीमैटिक एपरसेप्शन टेस्ट कल्पना का परीक्षण है। इसमें स्क्रीन पर 11+1 चित्र प्रदर्शित होते हैं। इसमें 11 तस्वीर और एक खाली स्लाइड होती है। चित्र के आधार पर तीर-चार मिनट की अवधि में एक कहानी लिखनी होती है। इस कहानी के माध्यम से अभ्यर्थी की मनोवैज्ञानिक स्थिति और व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है। इस टेस्ट में उसके किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित होने का अंदाजा भी हो जाता है। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें